केंद्र सरकार द्वारा 25 जून को आपातकाल 1975 की याद में ‘संविधान हत्या दिवस’ मनाए जाने की घोषणा पर शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत ने कहा, “सरकार लोगों को भ्रमित करना चाहती है। सरकार देश में जो और प्रश्न उससे उससे ध्यान हटाना चाहती है। आपातकाल को हो गया 50 साल, एक पीढ़ी ख़त्म हो गई। यही लोग हैं जिन्होंने हमेशा संविधान को माना ही नहीं। बीजेपी वालों का देश की स्वतंत्रता संग्राम में कोई योगदान नहीं हैं। आपातकाल हमने देखा है। हम उस वक्त कॉलेज में थे।
पुलिस और सेना को भड़काया जा रहा था
जिस तरह इस देश में कुछ नेता अराजकता फैलाना चाहते थे वो बहुत गंभीर बात थी। राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा था। रामलीला मैदान से बड़े-बड़े नेता खुलेआम ये आह्वान कर रहे थे सेना को कि प्रधानमंत्री और सरकार के आदेश का पालन मत कीजिये। पुलिस और सेना को भड़काया जा रहा था। ऐसे में अगर अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री होते तो वह भी आपातकाल लगा देतें। 10 साल से पीएम मोदी की सरकार है, हर दिन आपातकाल की स्थिति है। कभी मोदी जी की पुलिस आएगी, कभी ED, कभी सीबीआई आएगी और पकड़ के ले जाएगी। कोई बोल नहीं सकता। आपातकाल यही है।
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संजय राउत ने कहा कि आरएसएस का पूरा समर्थन था आपातकाल का। आरएसएस प्रमुख बालासाहेब देवरस का का रिकॉर्ड उठा कर देख लीजिये। उन्होंने बताया कि हिन्दू ह्रदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे ने आपातकाल का खुला समर्थन किया था। इंदिरा गाँधी का खुला समर्थन किया था। मुंबई में उनका स्वागत किया था। इसलिए कि देश में जो अराजकता फैल गई है, उसे नियंत्रित करने के लिए उस समय आपातकाल की जरूरत थी।
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अमित शाह ने संविधान हत्या दिवस की दी जानकारी
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को ट्वीट कर जानकारी दी कि 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने अपनी तानाशाही मानसिकता को दर्शाते हुए देश में आपातकाल लगाकर भारतीय लोकतंत्र की आत्मा का गला घोंट दिया था। लाखों लोगों को अकारण जेल में डाल दिया गया और मीडिया की आवाज को दबा दिया गया। भारत सरकार ने हर साल 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय किया है। यह दिन उन सभी लोगों के विराट योगदान का स्मरण करायेगा, जिन्होंने 1975 के आपातकाल के अमानवीय दर्द को झेला था।