महाराष्ट्र की राजनीति में शनिवार, 7 जून को एक बड़ा मोड़ देखने को मिला, जब शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र सामना के पहले पन्ने पर राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे की साझा तस्वीर ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी। यह तस्वीर दोनों ठाकरे भाइयों के संभावित राजनीतिक मेल का संकेत मानी जा रही है। तस्वीर के साथ छपी मराठी हेडिंग का हिंदी अनुवाद है – “महाराष्ट्र के जो मन में है, वो होगा” – जिसने अटकलों को और हवा दे दी है।
जनता की मांग, ठाकरे भाई एक साथ
मुंबई समेत महाराष्ट्र के कई हिस्सों में राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के साथ लगे पोस्टर्स दिखाई दिए हैं। इन पोस्टर्स में साफ तौर पर अपील की गई है कि दोनों भाई एक बार फिर साथ आएं। लिखा गया है कि महाराष्ट्र की 8 करोड़ मराठी जनता दोनों ठाकरे भाइयों को एक मंच पर देखना चाहती है। इस अभियान की वजह से जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं की उम्मीदें एक बार फिर जाग उठी हैं।
उद्धव का इशारा, लेकिन गठबंधन पर चुप्पी
हालांकि अभी तक किसी भी पक्ष की ओर से औपचारिक रूप से गठबंधन की पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन हाल के बयानों और घटनाक्रमों से संकेत जरूर मिल रहे हैं। उद्धव ठाकरे ने कुछ दिन पहले कहा था, “महाराष्ट्र के दिल में जो होगा वही होगा।” अब यही बात सामना के फ्रंट पेज की हेडिंग भी बन गई है, जो इस ओर इशारा करती है कि रिश्तों में जमी बर्फ पिघल रही है।
राज ठाकरे की बैठक, राजनीतिक रणनीति पर मंथन
शनिवार सुबह 9:30 बजे से मनसे (महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना) के उपाध्यक्षों की एक महत्वपूर्ण बैठक शिवतीर्थ में हो रही है। इस बैठक में पार्टी प्रमुख राज ठाकरे भी मौजूद हैं। राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि इस बैठक में उद्धव ठाकरे के साथ संभावित गठबंधन पर मंथन किया जा सकता है। हालांकि, अभी तक इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
क्यों अहम है यह संभावित गठबंधन?
महाराष्ट्र में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों को देखते हुए यह गठबंधन दोनों ही दलों के लिए रणनीतिक रूप से बेहद फायदेमंद हो सकता है। शिवसेना (यूबीटी) और मनसे, दोनों ही मराठी वोटबैंक पर अपना असर रखते हैं। ऐसे में अगर ये दोनों ताकतें एकजुट होती हैं, तो राज्य की राजनीति में नया समीकरण उभर सकता है।
आगे क्या?
अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या ठाकरे बंधु वाकई एक साथ मंच साझा करेंगे? क्या यह सिर्फ एक संकेत भर है या फिर किसी बड़ी घोषणा की तैयारी? आने वाले दिनों में इस राजनीतिक घटनाक्रम पर पूरा राज्य नजर रखे हुए है।
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राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे की साझा तस्वीर ने एक नई राजनीतिक बहस को जन्म दे दिया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या दशकों पुरानी दूरी खत्म होती है और महाराष्ट्र की राजनीति को नया अध्याय मिलता है।