Ahmedabad Plane Crash black box: अहमदाबाद प्लेन हादसे के कारण का अभी तक पता नहीं चल पाया है। खबर है कि, विमान के पिछले हिस्से में मौजूद ब्लैक बॉक्स को सुरक्षित निकाल लिया गया है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) इस उपकरण को अपने कब्जे में लेकर रिकॉर्डिंग्स का विश्लेषण करेगा और 12 जून को हुई एयर इंडिया विमान दुर्घटना की वजह का पता लग पाएगा।
क्या होता है ब्लैक बॉक्स ?
ब्लैक बॉक्स एक छोटा लेकिन बेहद मजबूत उपकरण होता है जो किसी विमान की उड़ान के दौरान उससे संबंधित तमाम जानकारियां रिकॉर्ड करता है।
ब्लैक बॉक्स में दो प्रमुख रिकॉर्डर होते हैं..
कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR): जो पायलटों की बातचीत और कॉकपिट की ध्वनियों को रिकॉर्ड करता है।
फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर (FDR): जो विमान के तकनीकी डेटा, जैसे गति, ऊंचाई, इंजन की स्थिति आदि को रिकॉर्ड करता है।
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ब्लैक बॉक्स दुर्घटना में कैसे बचा रहता है?
- यह स्टील या टाइटेनियम जैसे मजबूत धातुओं से बना होता है।
- इसके चारों तरफ गर्मी और ठंड से बचाने वाली इंसुलेशन होती है।
- इसे विमान के पिछले हिस्से में लगाया जाता है, क्योंकि दुर्घटना की स्थिति में वहां पर सबसे कम नुकसान होता है।
- यह भीषण विस्फोट, आग, समुद्र के दबाव और तेज रफ्तार टक्कर को भी झेल सकता है।
जांच में इसकी क्या भूमिका होती है?
ब्लैक बॉक्स की मदद से पायलट की बातचीत, तकनीकी आंकड़ों और आखिरी क्षणों की घटनाओं का पुनर्निर्माण किया जा सकता है। इससे यह समझने में मदद मिलती है कि दुर्घटना क्यों और कैसे हुई।
जांच एजेंसियां इन रिकॉर्डिंग्स की गहन जांच करके विमान हादसे की मुख्य वजह का पता लगाती हैं, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।