Corona Case in India: देशभर में एक बार फिर कोरोना वायरस के मामलों में इजाफा देखा गया है। कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या दिनोंदिन बढ़ रही है। अभी तक के आंकड़ों के अनुसार देश में अभी तक कोरोना के कुल 1047 एक्टिव पाए गए हैं। साथ ही कोरोना से मृतकों की संख्या 11 पहुंच गई है जो काफी चिंताजनक है।
हाल ही में आईआईटी इंदौर (IIT Indore) की एक स्टडी में खुलासा हुआ है कि, डेल्टा वेरिएंट से साइलेंट हार्ट अटैक और थायराइड की समस्या हो सकती है। आईआईटी इंदौर ने ICMR के साथ मिलकर ये शोध किया है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) इंदौर द्वारा किए गए एक अध्ययन में कोविड-19 के डेल्टा वेरिएंट को ‘साइलेंट हार्ट अटैक’ और थायरॉयड से जोड़ते हुए एक संभावित कारण बताया गया है। यह शोध भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के सहयोग से किया गया है।
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ICMR-समर्थित स्टडी ने उजागर की COVID-19 से जुड़ी जटिलताएं
यह शोध ‘जर्नल ऑफ प्रोटीओम रिसर्च’ में प्रकाशित हुआ है, और इसका उद्देश्य यह समझना है कि कोविड-19 के विभिन्न वेरिएंट मानव शरीर को किस तरह प्रभावित करते हैं। यह अध्ययन भविष्य में बेहतर डायग्नोसिस और उपचार विधियों के लिए रास्ता खोल सकता है।
3,134 मरीजों के डेटा का विश्लेषण
शोध में पहली और दूसरी लहर के दौरान संक्रमित 3,134 मरीजों के डेटा का विश्लेषण किया गया।
इसमें कोविड के मुख्य वेरिएंट्स- ओरिजिनल स्ट्रेन, अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा के प्रभावों का तुलनात्मक अध्ययन किया गया।
मशीन लर्निंग तकनीक का उपयोग कर जिन प्रमुख संकेतकों की पहचान की गई, उनमें ये शामिल हैं…
- सूजन मार्कर्स: C-reactive protein, फेरिटिन।
- ब्लड क्लॉटिंग संकेतक: D-dimer।
- रक्त कोशिका की गणना: WBC, न्युट्रोफिल्स, लिम्फोसाइट्स
- किडनी फंक्शन संकेतक: यूरिया, क्रिएटिनिन
डेल्टा वेरिएंट सबसे खतरनाक साबित हुआ
शोधकर्ताओं ने वायरस के स्पाइक प्रोटीन के संपर्क में आने पर फेफड़े और आंतों की कोशिकाओं की प्रतिक्रिया का भी अध्ययन किया। इसमें पाया गया कि डेल्टा वेरिएंट शरीर की बायोकेमिकल बैलेंस को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है।यह वेरिएंट कैटेकोलामिन और थायरॉयड हार्मोन के उत्पादन को प्रभावित करता है, जिससे, साइलेंट हार्ट फेल्योर और थायराइड से जुड़ी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।