भारत सरकार ने अमेरिकी व्हिस्की पर शुल्क को 150% से घटाकर 100% कर दिया है। यह फैसला अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ‘जैसा को तैसा’ नीति के तहत Reciprocal Tariffs लगाए जाने की घोषणा के बाद लिया गया है। पहले भारतीय बाजार में बॉर्बन व्हिस्की पर 150% का टैरिफ लगाया जाता था, लेकिन अब यह शुल्क घटाकर 100% कर दिया गया है, जिसमें 50% टैक्स और 50% अतिरिक्त लेवी चार्ज शामिल है। इससे अमेरिकी ब्रांड जैसे सनटोरी और जिम बीम को भारतीय बाजार में लाभ होगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का बयान
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर आरोप लगाया था कि वह किसी भी अन्य देश के मुकाबले ज्यादा टैक्स वसूलता है। उन्होंने खासतौर पर हार्ले डेविडसन का उदाहरण दिया, जो भारत में अपनी मैन्युफैक्चरिंग फैक्ट्री लगाने को मजबूर हुआ था ताकि उन्हें उच्च टैरिफ से बचने का मौका मिले। ट्रंप ने BRICS देशों पर भी 100% टैरिफ लगाने की चेतावनी दी थी, जिसमें भारत भी शामिल है।
भारत के लिए महत्वपूर्ण निर्णय
बॉर्बन व्हिस्की पर भारत सरकार द्वारा शुल्क कम करने का निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच मुलाकात के बाद लिया गया था। यह कदम दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। हालांकि, इस नई नीति का असर केवल अमेरिकी बॉर्बन व्हिस्की पर ही पड़ेगा, जबकि अन्य शराब ब्रांड्स पर पहले की 150% टैरिफ दर लागू रहेगी।
भारत का 35 अरब डॉलर का शराब बाजार
शराब उद्योग भारत का विश्व में सबसे बड़े बाजारों में से एक है, जिसका मूल्य लगभग 35 अरब डॉलर का है। यहां विदेशी शराब कंपनियों की अच्छी खासी मौजूदगी है, जैसे डियाजियो (Diageo) और पेरनोड रिकार्ड (Pernod Ricard)। इन कंपनियों के लिए भारतीय बाजार एक बड़ा अवसर प्रदान करता है। विदेशी शराब पर उच्च टैरिफ को लेकर पहले भी कई बार चिंताएं व्यक्त की जा चुकी हैं, और अब सरकार ने इसे कुछ हद तक हल करने का प्रयास किया है।
टैरिफ में कटौती का अधिसूचना
इस नए फैसले की आधिकारिक घोषणा 13 फरवरी 2025 को की गई थी। नोटिफिकेशन में कहा गया है कि अब अमेरिकी बॉर्बन व्हिस्की पर सीमा शुल्क 50% होगा, जिसमें 50% अतिरिक्त शुल्क भी शामिल है, जिससे कुल शुल्क 100% तक पहुंच जाएगा। यह निर्णय अमेरिकी शराब कंपनियों के लिए भारत के बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धा का मौका प्रदान करेगा, साथ ही दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करेगा।
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अमेरिकी शराब बॉर्बन व्हिस्की पर टैरिफ में कमी भारत और अमेरिका के व्यापार संबंधों को बेहतर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है। इस फैसले से भारतीय बाजार में अमेरिकी शराब ब्रांड्स के लिए सकारात्मक बदलाव हो सकता है, वहीं भारत के शराब उद्योग को भी नई दिशा मिल सकती है।