भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने सोमवार को श्रीहरिकोटा से रात 10:00 बजे अपने Spadex मिशन (स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट) को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। इसे भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक “महत्वपूर्ण मील का पत्थर” माना जा रहा है, जो भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS) के निर्माण और चंद्रयान-4 (Chandrayaan-4) मिशन की सफलता के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
ISRO का Spadex मिशन: भारत की अंतरिक्ष यात्रा में अहम कदम
इसरो का Spadex मिशन भारत के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, जिसे भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन के निर्माण और भविष्य के अन्य अंतरिक्ष अभियानों के लिए एक अहम कदम माना जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस मिशन की सफलता से भारत को अंतरिक्ष क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छूने में मदद मिलेगी।
ISRO ने दी Spadex स्पेसक्राफ्ट सेपरेशन की जानकारी
ISRO ने मिशन की सफलता के संकेत देते हुए बताया कि Spadex सैटेलाइट का सफल सेपरेशन भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक और मील का पत्थर है। इसरो ने ट्विटर पर लिखा, “PSLV-C60 पर प्राइमेरी SpaDeX स्पेसक्राफ्ट A और B ने सफलतापूर्वक अलग हो गए हैं।” इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा कि डॉकिंग प्रक्रिया कल से शुरू होगी, और 7 जनवरी तक इसका फाइनल डॉकिंग पूरा होने की उम्मीद है।
भारत बना चौथा देश जो स्पेस डॉकिंग तकनीक में माहिर
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस मिशन की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, “मुझे गर्व है कि मैं उस समय अंतरिक्ष विभाग से जुड़ा जब ISRO लगातार वैश्विक चमत्कारों से दुनिया को हैरान कर रहा है। भारत अब अपने स्वदेशी विकसित ‘भारतीय डॉकिंग सिस्टम’ के जरिए स्पेस डॉकिंग करने वाले देशों की चुनिंदा लीग में शामिल हो गया है।”
ISRO का Spadex मिशन क्या है?
इस मिशन में दो प्रमुख सैटेलाइट शामिल हैं: एक चेसर और दूसरा टारगेट। चेसर सैटेलाइट टारगेट सैटेलाइट से डॉक करेगा। इस मिशन में एक रोबोटिक आर्म का भी उपयोग किया जाएगा, जो टेथर्ड तरीके से (हुक के माध्यम से) टारगेट को खींचेगा। यह प्रयोग भविष्य में ISRO को यह तकनीक विकसित करने में मदद करेगा, जिससे वह अंतरिक्ष में जा रहे सैटेलाइट्स को कक्षा में वापस ला सकेगा। साथ ही, यह ऑर्बिट में सर्विसिंग और रीफ्यूलिंग की संभावना भी खोल सकता है।
दुनिया का चौथा देश बना भारत
ISRO के अनुसार, यह स्पेस डॉकिंग तकनीक महत्वपूर्ण है, खासकर तब जब एक ही मिशन के लिए कई रॉकेट लॉन्च की आवश्यकता होती है। अगर Spadex मिशन सफल होता है, तो भारत दुनिया का चौथा देश बन जाएगा जो इस तकनीक को हासिल कर चुका है। इससे पहले अमेरिका, रूस और चीन ही इस तकनीक में माहिर थे।
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Spadex मिशन के जरिए ISRO ने भारत को अंतरिक्ष क्षेत्र में एक नई दिशा में अग्रसर किया है। यदि यह मिशन सफल रहता है, तो यह भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक ऐतिहासिक कदम होगा और आने वाले वर्षों में अंतरिक्ष में सर्विसिंग, रीफ्यूलिंग और डॉकिंग की नई संभावनाओं के द्वार खोलेगा। यह भारत को वैश्विक स्तर पर स्पेस टेक्नोलॉजी में एक मजबूत प्रतियोगी बना सकता है।