देश को आज अपने 51वें मुख्य न्यायाधीश मिल गए हैं। जस्टिस संजीव खन्ना ने राष्ट्रपति भवन में भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ले ली है। जस्टिस संजीव खन्ना से पहले जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ इस पद की गरिमा को बढ़ा रहे थे। उनके रिटायर होने के बाद से अब जस्टिस संजीव खन्ना देश के नए मुख्य न्यायाधीश हैं, जिनका कार्यकाल आज यानी 11 नवंबर 2024 से शुरू हो रहा है।
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें इस पद की शपथ दिलाई। जस्टिस खन्ना का कानून के क्षेत्र में चार दशकों का समृद्ध अनुभव है, जिसमें वे दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में कई महत्वपूर्ण फैसलों में योगदान दे चुके हैं। उनके फैसलों में व्यक्तिगत स्वतंत्रता, लोकतांत्रिक भागीदारी, और न्यायिक प्रक्रिया की मजबूती पर जोर दिया गया है।
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जस्टिस खन्ना ने संविधान, कराधान, और व्यावसायिक कानून जैसे क्षेत्रों में अपनी गहरी जानकारी से न्यायिक फैसले दिए हैं। वे नेशनल लीगल सर्विसेज अथॉरिटी के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं, जहां उन्होंने समाज के निम्न वर्गों के लिए न्याय सुलभ बनाने में प्रयासरत रहे हैं। उन्हें न्यायिक सुधारों और सार्वजनिक हित के मामलों में उनके सक्रिय योगदान के लिए जाना जाता है।
इस नियुक्ति से जस्टिस खन्ना न्यायिक स्वतंत्रता को और सशक्त बनाने की दिशा में अपने अनुभव का उपयोग करेंगे और भारत के न्यायालय प्रणाली में सुधार लाने के लिए कार्य करेंगे।
चीफ जस्टिस संजीव खन्ना के बारे में खास बातें
भारत के वर्तमान चीफ जस्टिस संजीव खन्ना का जन्म 14 मई 1960 को दिल्ली में हुआ था। उनका परिवार कानून और न्यायपालिका में गहरा योगदान रखता है। उनके पिता, न्यायमूर्ति देव राज खन्ना, दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश थे, और उनके मामा, न्यायमूर्ति एच. आर. खन्ना, एक प्रतिष्ठित न्यायाधीश थे जो अपने स्वतंत्रता के पक्ष में ऐतिहासिक मत के लिए जाने जाते हैं। संजीव खन्ना ने दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की और 1983 में अपने कानूनी करियर की शुरुआत की।