हॉकी का जादूगर मेजर ध्यानचंद सिंह को गांधी मंडेला पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया है। गांधी मंडेला पुरस्कार के तहत भारत, नेपाल और बांग्लादेश के विशिष्ट दिग्गजों की एक अनुकरणीय समिति देश के इन महान स्तंम्भो को सम्मानित करेंगी। Interactive Forum On Indian Economy और गांधी मंडेला फाउंडेशन के महासचिव श्री नंदन झा ने ‘गांधी मंडेला अवॉर्ड के इस अनोखे मंच की शुरुआत की है। मेजर ध्यानचंद सिंह को 1956 में भारत के प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था।
ध्यान चंद को खेल के क्षेत्र में 1956 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। उनका जन्म 29 अगस्त 1905 इलाहाबाद, संयुक्त प्रांत, ब्रिटिश भारत में हुआ था। उनकी जन्मतिथि को भारत में "राष्ट्रीय खेल दिवस" के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार अर्जुन और द्रोणाचार्य पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं। मेजर ध्यानचंद सिंह की भारत और विश्व हॉकी के सर्वश्रेष्ठ खिलाडड़ियों में उनकी गिनती होती है।
वे तीन बार ओलम्पिक के स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के सदस्य रहे हैं। उनके छोटे भाई रूप सिंह भी अच्छे हॉकी खिलाड़ी थे जिन्होने ओलम्पिक में कई गोल दागे थे। उन्हें हॉकी का जादूगर ही कहा जाता है। उन्होंने अपने खेल जीवन में 1000 से अधिक गोल दागे। 'गांधी मंडेला अवार्ड' राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आदर्शों और नेल्सन मंडेला के प्रेरणादायी जीवन को समर्पित पुरस्कार है जो ऐसी ही महान विभूतियों को दिया जाएगा जिन्होनें लोकल्याण के लिए कई कार्य किएं हैं।