जानिये भारत की हार के कारण जिसने छीना भारत का विश्व विजेता बनने का सपना


भारत की हार के वो 4 कारण जिसने छीना विराट और भारत का विश्व विजेता बनने का सपना

जानिये भारत की हार के कारण जिसने छीना भारत का विश्व विजेता बनने का सपना


आईसीसी विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में भारत और न्यूजीलैंड ने जगह बनाई थी. सबने उम्मीद की थी की ये फाइनल मैच रोमांचक होगा पर बारिश ने लगातार खलल डाला और इसलिए मैच का परिणाम रिजर्व डे के दिन आया. न्यूजीलैंड ने इस मैच को आठ विकेट से जीता. भारत ने पहली पारी में 217 रन बनाए थे. फिर कीवी टीम ने 249 रन बना उस पर 32 रनों की बढ़त ले ली थी. फिर भारतीय टीम दूसरी पारी में सिर्फ 170 रन ही बना पाई जिससे न्यूजीलैंड को जीत के लिए 138 रनों की जरूरत थी जो न्यूजीलैंड ने दो विकेट खोकर हासिल कर लिया.

एक बार फिर कोहली अपनी कप्तानी में आईसीसी टूर्नामेंट नहीं जीत सके, आइए नजर डालते हैं भारत की हार की चार वजहों पर:

1. लम्बी पारी की कमी

भारत का कोई भी बल्लेबाज इस मैच में अर्धशतक तक नहीं जमा सका. पहली पारी में उप-कप्तान अजिंक्य रहाणे ने जरूर 49 रन बनाए लेकिन कोई और बल्लेबाज कुछ नहीं कर सका. रहाणे इस मैच में भारत के सर्वोच्च स्कोरर रहे क्योंकि दूसरी पारी में भी कोई भी बल्लेबाज पचास का आंकड़ा तक नहीं छू सका. ऋषभ पंत ने इस पारी में 41 रन बनाए. भारत की हार की एक वजह भारत की तरफ से बड़ी पारी न आना भी रही.

2. दूसरी पारी में जल्दी में विकेट खोना

दूसरी पारी में भारतीय बल्लेबाज लगातार विकेट खोते रहे और बड़ा स्कोर नहीं कर पाए. दूसरी पारी में भारतीय टीम सिर्फ 170 रन ही बना पाई जिससे टीम न्यूजीलैंड को बड़ा लक्ष्य नहीं दे सकी. न्यूजीलैंड को आखिरी दिन 139 रनों का लक्ष्य मिला था जो कीवी टीम ने आसानी से हासिल कर लिया. वहीं भारत के पुछल्ले बल्लेबाज दोनों पारियों में उस तरह का योगदान नहीं जे सके जिस तरह का उन्हें देना चाहिए था.

3. साझेदाररियाँ

न्यूजीलैंड ने पहली पारी में अपने पांच विकेट 135 रनों पर ही खो दिए थे लेकिन इसके बाद कीवी टीम के पुछल्ले बल्लेबाजों ने विकेट पर पैर जमाए और टीम को भारत के स्कोर से आगे ले गए और बढ़त भी दिला दी और दूसरी पारी में केन विल्लियम्सन और रॉस टेलर की साझेदारी ने कीवी को जीत दिलाई.

4. गेंदों में स्विंग में कमी

इंग्लैंड की परिस्थिति में गेंद स्विंग करती है और फिर इस मैच में बारिश ने भी मौसम उसी तरह का बना दिया था जिससे स्विंग गेंदबाज की अहमियत ज्यादा हो गई. दोनों ही टीमों के पास अच्छे स्विंग गेंदबाज़ थे पर आखिरी दिन आते आते धूप के कारण भारतीय गेंदबाज़ो को पिच से वो मदद नहीं मिली.

 

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