अयोध्या में रामनवमी पर अद्भुत नजारा देखने को मिला। जब रामनवमी के पावन अवसर पर मंत्रोच्चारण के बीच रामलला के ललाट पर सूर्य की किरणों से सूर्याभिषेक किया गया। अयोध्या में रामनवमी पर दोपहर 12 बजे से रामलला का सूर्य तिलक हुआ। प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला का यह पहला सूर्य तिलक है। दोपहर 12 बजे अभिजीत मुहूर्त में रामलला का सूर्य तिलक किया गया।
रामनवमी पर रामलला के भव्य जन्मोत्सव की तैयारियां कल से ही शुरू हो गई थीं। रामलला को 56 भोग लगाए गए और सूर्य से तिलक लगाया गया। राम नवमी पर 12 बजे अभिजीत मुहूर्त में सूर्य की किरणें रामलला के मस्तक पर पड़ते ही जय श्रीराम के जयकारों से अयोध्या धाम गूंज उठा।

क्या है सूर्य तिलक का महत्व?
राम नवमी के अवसर पर अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर में राम लला के माथे पर ‘सूर्य तिलक’ हुआ। पढ़ें- क्या है सूर्य अभिषेक और क्या है इसका महत्व?
श्री राम सूर्यवंश के वंशज थे और सूर्यदेव को उनका कुल देवता माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार श्रीराम का जन्म चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को दिन में 12 बजे हुआ था। उस समय सूर्य अपने पूरे प्रभाव में थे। वहीं सनातन धर्म के अनुसार उगते सूर्य को अर्घ्य देना शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि इससे कुंडली में सूर्य की स्थिति ठीक रहती है।
500 साल बाद मिला ये सौभाग्य
500 साल बाद ऐसा सौभाग्य प्राप्त हुआ, जब अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 12 बजकर 16 मिनट पर रामलला के विग्रह का सूर्याभिषेक हुआ। इस अद्भुत नजारे के लिए रामभक्तों में खासा उत्साह देखने को मिला। बड़ी संख्या में रामभक्त अयोध्या पहुंचे और रामलला के दर्शन किए।
इस पावन मौके पर रामलला के दर्शन सुबह साढ़े तीन बजे से ही शुरू हो गए थे। सुबह मंगला आरती के बाद से दर्शन के लिए लंबी कतारें लग गई थीं।