प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार और कूच बिहार जिलों में सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (CGD) परियोजना की आधारशिला रखी। 1010 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली इस परियोजना का उद्देश्य सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम कार्य कार्यक्रम (MWP) लक्ष्यों के अनुरूप लगभग 19 CNG स्टेशन स्थापित करके 2.5 लाख से अधिक घरों, 100 से अधिक वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों और उद्योगों को पाइप्ड नेचुरल गैस (PNG) और वाहनों को संपीड़ित प्राकृतिक गैस (CNG) उपलब्ध कराना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “कुछ देर पहले हमने इस मंच से अलीपुरद्वार और कूच बिहार में सीटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन परियोजना का शुभारंभ किया है। इस परियोजना से 2.5 लाख से अधिक घरों तक साफ, सुरक्षित और सस्ती गैस पाइप लाइन के जरिए पहुंचाई जाएगी। इससे ना केवल रसोई के लिए सिलेंडर खरीदने की चिंता खत्म होगी बल्कि परिवारों को सुरक्षित गैस सप्लाई भी मिल पाएगी।
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यह समय पश्चिम बंगाल के लिए बहुत अहम है। ऐसे में पश्चिम बंगाल के हर नौजवान पर, आप सब पर बहुत बड़ा दायित्व है। आप सबको मिलकर बंगाल का भविष्य तय करना है। आज पश्चिम बंगाल एक साथ कई संकटों से घिरा हुआ है। एक संकट समाज में फैली हिंसा और अराजकता का है। दूसरा संकट माताओं-बहनों की असुरक्षा का है। उन पर हो रहे जघन्य अपराधों का है। तीसरा संकट नौजवानों में फैल रही घोर निराशा का है। बेतहाशा बेरोजगारी का है। चौथा संकट घंघोर भ्रष्टाचार का है। यहां के प्रशासन पर लगातार कम होते जन विश्वास का है और पांचवा संकट गरीबों का हक छीनने वाली सत्ताधारी पार्टी की स्वार्थी राजनीति का है।
पीएम ने आगे कहा, यहां मुर्शिदाबाद में जो कुछ हुआ, मालदा में जो कुछ हुआ वो यहां की सरकार की निर्ममता का उदाहरण है। दंगों में गरीब माताओं-बहनों की जीवन भर की पूंजी राख कर दी गई। तुष्टिकरण के नाम पर गुंडागर्दी को खुली छूट दे दी गई। जब सरकार चलाने वाले एक पार्टी के लोग, विधायक, कॉर्पोरेटर ही लोगों के घरों को चिन्हित करके जलाते हैं और पुलिस तमाशा देखती है तो भयावह स्थिति की कल्पना की जा सकती है। मैं बंगाल की जनता से पूछता हूं। क्या सरकारें ऐसे चलती हैं?
आज जब सिंदूर खेला की इस धरती पर आया हूं तो आतंकवाद को लेकर भारत के नए संकल्प की चर्चा स्वाभाविक है। 22 अप्रैल को पहलगाम में, जम्मू-कश्मीर में आतंकियों ने जो बर्बरता की उसके बाद पश्चिम बंगाल में भी बहुत गुस्सा था। आपके भीतर जो आक्रोश था, आपका जो गुस्सा था उसे मैं भली-भांति समझता था। आतंकवादियों ने हमारी बहनों का सिंदूर मिटाने का दुस्साहस किया। हमारी सेना ने उनको सिंदूर की शक्ति का एहसास करा दिया। हमने आतंक के उन ठिकानों को तबाह किया जिनकी पाकिस्तान ने कल्पना तक नहीं की थी।
पीएम ने आगे कहा, आतंक को पालने वाले पाकिस्तान के पास दुनिया को देने के लिए कुछ भी सकारात्मक नहीं है। जब से वे अस्तित्व में आए हैं तब से ही उसने सिर्फ आतंक को पाला है। 1947 में बटवारे के बाद से ही उसने भारत पर आंतकी हमला किया। कुछ सालों के बाद उसने यहां पड़ोस में, आज के बांग्लादेश में जो आतंक फैलाया… आतंक और नरसंहार, ये पाकिस्तानी सेना की सबसे बड़ी विशेषज्ञता है। जब सीधा युद्ध लड़ा जाता है तो उसकी हार तय होती है, उसका पराजय निश्चित होता है, उसको मुंह की खानी पड़ती है। यही कारण है कि पाकिस्तान की सेना आतंकियों का सहारा लेती है लेकिन पहलगाम हमले के बाद अब भारत ने दुनिया को बता दिया है, भारत पर अब आतंकी हमला हुआ तो दुश्मन को उसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी।