राजस्थान के अलवर जिले की भजेड़ा ग्राम पंचायत इन दिनों पूरे राज्य में चर्चा का केंद्र बनी हुई है। चर्चा का कारण है यहां की सरपंच सीमा मीना, जिन्होंने महज 25 वर्ष की उम्र में पंचायत का नेतृत्व संभालकर ग्रामीण विकास और महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक मिसाल कायम की है। अक्टूबर 2020 में पहली बार सरपंच चुनी गई सीमा ने अपने साढ़े चार साल के कार्यकाल में पंचायत की तस्वीर पूरी तरह बदल दी।
पितृसत्तात्मक समाज में कायम की अलग पहचान
सीमा मीना ने उस समय पंचायत का कार्यभार संभाला जब ग्रामीण इलाकों में महिलाओं को नेतृत्व की भूमिका में देखना दुर्लभ माना जाता था। लेकिन सीमा ने न केवल इस सोच को तोड़ा, बल्कि अपने कार्यों से यह सिद्ध कर दिया कि साहस, सोच और संकल्प हो तो कोई भी बदलाव संभव है। उन्होंने गांवों में बुनियादी सुविधाओं की बेहतरी से लेकर सामाजिक चेतना बढ़ाने तक कई पहल कीं।
बुनियादी ढांचे में सुधार: गांव की सड़कों से शुरू किया बदलाव
सीमा ने सबसे पहले ध्यान दिया गांव की टूटी-फूटी सड़कों पर। उनके प्रयासों से भजेड़ा और आस-पास के गांवों में कच्ची सड़कों को पक्का किया गया, जिससे लोगों को विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं और मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में बड़ी राहत मिली। इससे ग्रामीणों का शहरों से जुड़ाव भी मजबूत हुआ।
स्वच्छता अभियान को दी गति
स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत सीमा ने खुले में शौच मुक्त (ODF) अभियान को गति दी। हर घर में शौचालय निर्माण के लिए जागरूकता अभियान चलाए गए और सरकारी योजनाओं का भरपूर लाभ उठाया गया। इससे महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य में बड़ा सुधार देखने को मिला।
शिक्षा की ओर विशेष ध्यान
शिक्षा को समाज परिवर्तन की कुंजी मानने वाली सीमा ने पंचायत क्षेत्र के स्कूलों में बुनियादी ढांचे को बेहतर करने का बीड़ा उठाया। उन्होंने नई कक्षाओं का निर्माण, स्वच्छ पेयजल व्यवस्था और लड़कियों के लिए अलग शौचालय की सुविधा सुनिश्चित की। इसके चलते स्कूलों में छात्राओं की संख्या बढ़ी और ड्रॉपआउट दर घटी।
महिला सशक्तिकरण में बनाई मिसाल
सीमा मीना का सबसे बड़ा योगदान रहा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना। उन्होंने पंचायत क्षेत्र में स्वयं सहायता समूहों (SHGs) को सक्रिय किया, जहां महिलाओं को छोटे व्यवसाय शुरू करने और सरकारी योजनाओं से जुड़ने के लिए प्रेरित किया गया। इससे न केवल महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत हुईं, बल्कि उन्हें समाज में सम्मान और आत्मविश्वास भी मिला।
भजेड़ा बनी अन्य पंचायतों के लिए प्रेरणा
सीमा मीना की अगुवाई में भजेड़ा पंचायत अब राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ विधानसभा क्षेत्र की अन्य पंचायतों के लिए एक आदर्श बन गई है। उनकी कार्यशैली, पारदर्शिता और विकास के प्रति समर्पण ने यह दिखा दिया कि बदलाव लाने के लिए उम्र नहीं, इरादे मजबूत होने चाहिए।
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सीमा मीना जैसे युवा नेतृत्व ने यह साबित कर दिया है कि ग्राम पंचायतें भी परिवर्तन की धुरी बन सकती हैं, बशर्ते नेतृत्व में दूरदृष्टि और ईमानदारी हो। भजेड़ा की कहानी न सिर्फ राजस्थान बल्कि पूरे देश की पंचायतों के लिए एक प्रेरणास्रोत है।