उत्तराखंड के हल्द्वानी में पिछले कई घंटों से तनाव की स्थिति बनी हुई है। उत्तराखंड में सरकारी जमीनों पर बने अवैध मस्जिदों और मदरसों को तोड़ने पर बवाल हो गया। हल्द्वानी के बनभूलपुरा में जैसे ही नगर निगम की टीम अवैध मस्जिदों और मदरसों को तोड़ने पहुंचे तो लोगों ने विरोध करते हुए पथराव करना शुरू कर दिया। हिंसा में अभी तक करीब 300 से अधिक लोग घायल हो गए और कई लोगों के मरने की खबर है।
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बनभूलपुरा में हिंसा के बाद हालात का जायजा लेने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, डीजीपी अभिनव कुमार और एडीजी लॉ एंड ऑर्डर एपी अंशुमन हल्द्वानी पहुंच गए हैं। वहीं, हल्द्वानी हिंसा के बाद यूपी में सुरक्षा व्यवस्था पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा, “सब व्यवस्थित है चाक चौबंद है, कहीं कोई दिक्कत नहीं है। हर स्थिति के लिए हम तैयारी हैं।”
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देखते ही गोली मारने के आदेश
आगजनी और तोड़फोड़ के कारण कानून व्यवस्था इस कदर बिगड़ गई कि गुरुवार शाम तक पुलिस फोर्स पहुंची और माहौल को संभालने में लग गई। पथराव और आगजनी में आम जनता और सरकारी संपत्ति का भी भारी नुकसान हुआ। जिसके बाद उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने दंगाईयों को देखते ही गोली मारने का आदेश दे दिया।
नैनीताल की डीएम का बयान
इसी बीच नैनीताल की डीएम वन्दना सिंह का भी बयान सामने आया। जिसमें उन्होंने कहा- “काफी लंबे समय से हल्द्वानी के
अंतर्गत सरकारी परिसंपत्तियों को अतिक्रमण मुक्त कराने का अभियान चल रहा है। उसी क्रम में खाली संपत्ति में दो संरचनाएं हैं, जो धार्मिक संरचना के रूप में पंजीकृत नहीं है और न ही कोई मान्यता प्राप्त है। कुछ लोग इस संरचना को मदरसा कहते हैं और कुछ लोग पूर्ण नमाज स्थल कहते हैं… इसको हमने खाली कराया।