हमास और इजरायल के बीच पिछले 10 दिनों से युद्ध जारी है। 7 तारीख को आतंकी संगठन हमास ने इजरायल के ऊपर 5000 से अधिक रॉकेट से हमला कर दिया। बोर्डेर पर हमास के आतंकियों ने इजरायल में घुसपैठ कर निर्दोष लोगों पर आक्रमण कर बंदी बना लिया। भारत ने तत्काल इस हमले की निंदा करते हुए इजरायल को पूर्ण रूप से समर्थन दिया। हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध का असर भारत पर भी पड़ने लगा है। इस युद्ध के कारण भारत में सोना का भाव तेजी से ऊपर जा रहा है। भारत में त्योहारों का समय शुरू हो चूका है। अगले महीने दीपावली का त्योहार आने वाला है। इस अवसर पर भारत में सोने की खरीदारी जम कर होती है। युद्ध के कारण इस बार दिवाली के समय सोना खरीदने पर लोगों का दिवाला निकल सकता है। उसके बाद शादियों का समय भी शुरू हो जायेगा। शादी में भी लोग सोने की खरीदारी करते हैं। लोगों को शादियों के समय भी सोने की महंगाई से दो-चार होना पड़ेगा।
I thank Prime Minister @netanyahu for his phone call and providing an update on the ongoing situation. People of India stand firmly with Israel in this difficult hour. India strongly and unequivocally condemns terrorism in all its forms and manifestations.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 10, 2023
भारत-मिडिल ईस्ट- यूरोप आर्थिक गलियारा (IMEC) परियोजना पर सर मुड़ाते ही ओले पड़ गए
भारत ने G20 का पिछले महीने सफल आयोजन किया। इस आयोजन के बाद सबसे अधिक चर्चा जिस बात की हुई, वह है भारत-मिडिल ईस्ट- यूरोप आर्थिक गलियारा (IMEC)। इस परियोजना पर भारत, अमेरिका, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, यूरोपीय संघ, इटली, फ्रांस और जर्मनी। इस योजना के तहत दो गलियारा, पूर्वी और उत्तरी गलियारा है। पूर्वी गलियारा भारत को अरब खाड़ी से जोड़ेगा और उत्तरी गलियारा खाड़ी को यूरोप से जोड़ेगा।
इन गलियारों को रेलमार्ग, शिप टू रेल नेटवर्क और सड़क परिवहन मार्ग शामिल है। इस प्रस्तावित गलियारा पर जैस ही कुछ बात आगे बढ़ती की उससे पहले हमास और इजरायल के बीच युद्ध हो गया जिसके कारण मध्य पूर्व में अशांति आ गई। मध्य पूर्व एक महत्वपूर्ण भाग है इस परियोजना की जिसके कारण यह परियोजना ठंढे बस्ते में चली गई। हम कह सकते हैं की इस योजना पर सर मुड़ाते ही ओले पड़ गए।
कच्चे तेलों की कीमत बढ़ेगी
अगर यह युद्ध लम्बी चलती है और इसमें मध्य-पूर्व के और भी देश शामिल होते हैं तो भारतीय अर्थव्यवस्था पर काफी गहरा प्रभाव पड़ेगा। भारत की कच्चे तेलों की आपूर्ति मध्य-पूर्व के देशों से ही होती है। इस युद्ध के कारण कच्चे तेलों की आपूर्ति में बाधा आ सकती है। इस कारण कच्चे तेलों की कीमत बढ़ेगी। कच्चे तेलों का कीमतें बढ़ना मतलब की आम आदमी के जीवन में महंगाई बढ़ना।
यह भी पढ़ें: भारत का इजरायल को समर्थन, फिलिस्तीन का विरोध नहीं है
भारत और इजरायल के बीच का कारोबार 10 बिलियन डॉलर का
भारत और इजरायल के बीच राजनैतिक सम्बन्ध के साथ आर्थिक सम्बन्ध भी काफी मजबूत है। इजरायल के युद्ध में होने से दोनों देशों के आयात-निर्यात में बाधा उत्पन्न हो गई है। भारत और इजरायल के बीच का कारोबार 10 बिलियन डॉलर से भी अधिक का है। इसमें निर्यात 8.5 बिलियन डॉलर का है तो आयात 2.3 बिलियन डॉलर का। भारत इजरायल से मोती, हीरे-ज्वैलरी, फर्टिलाइजर्स, इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट और क्रूड ऑयल खरीदता है। वहीं भारत हीरे, ज्लैवरी, कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स, इंजीनियरिंग बेचता है। भारत इजरायल से हथियार भी बड़े पैमाने पर खरीदता है। ऐसे में अगर युद्ध लंबा चला तो कारोबार पर असर होगा और आयात-निर्यात भी प्रभावित होगा जिसके कारण भारतीय अर्थव्यवस्था पर नाकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।