केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि सरकार का मिशन भारत को दुनिया का नंबर वन ऑटोमोबाइल मैन्युफेक्चरिंग हब (वाहन निर्माण केंद्र) बनाना और ऑटो क्षेत्र को 25 लाख करोड़ रुपये का उद्योग बनाना है।
नितिन गडकरी वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट में एक संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थें। उन्होंने ऑटो निर्माताओं से स्वच्छ तकनीकों, विशेष रूप से इलेक्ट्रिक वाहनों में निवेश करने का आग्रह किया, अन्यथा वे “मौका चूक जाएंगे”।
गडकरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 50 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था और आत्मनिर्भर भारत के विजन के तहत, “हम ऑटो क्षेत्र को 25 लाख करोड़ रुपये का उद्योग बनाने की ओर देख रहे हैं।”
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, “हमें नंबर एक बनना है। हमारा मिशन, हमारा लक्ष्य भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग को दुनिया का नंबर एक मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना है।”
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गडकरी ने वहां मौजूद लोगों को याद दिलाते हुए कहा कि जब उन्होंने मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला था, तब भारत का ऑटोमोबाइल क्षेत्र दुनिया में सातवें नंबर पर था।
उन्होंने कहा, “मुझे बहुत गर्व और खुशी है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में हमने एक बहुत ही सम्मानजनक उपलब्धि हासिल की है। अब हमने जापान को पीछे छोड़ दिया है और हम दुनिया में तीसरे स्थान पर हैं।” मंत्री ने कहा कि ऑटो क्षेत्र में बहुत बड़ी क्षमता है क्योंकि मांग सिर्फ घरेलू बाजार में ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी है।
इस समय इस उद्योग का साइज 12.5 लाख करोड़ रुपये है।
उन्होंने कहा, “यह वह उद्योग है जिसे निर्यात से 4 लाख करोड़ रुपये का राजस्व हासिल होता है। और यही वह उद्योग है जिसने पहले ही 4 करोड़ रोजगार पैदा किए हैं। यह वह उद्योग है जो केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को जीएसटी के जरिए अधिकतम राजस्व देता है।”
इलेक्ट्रिफिकेशन के विषय में उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की बिक्री कई गुना बढ़ गई है। और जिन लोगों ने इस टेक्नोलॉजी में निवेश किया है उन्हें फायदा हो रहा है, जबकि जो पीछे रह गए हैं वे संघर्ष कर रहे हैं।
उन्होंने जोर देते हुए कहा, “निवेश करें (ईवी में) अन्यथा आप मौका चूक जाएंगे।”
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कार्यक्रम में बोलते हुए केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा कि सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों और उनके भारत में निर्माण को बढ़ावा देने के लिए कई उपाय किए हैं। जिनमें FAME योजना, ऑटो के लिए पीएलआई और एडवांस केमिस्ट्री सेल (एसीसी) बैटरी शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि पीएलआई योजना के तहत भारत में एसीसी बैटरी का उत्पादन लगभग फरवरी तक शुरू होने की उम्मीद है।
जब कार्यक्रम के दौरान FAME योजना के विस्तार के बारे में पूछा गया, तो पांडेय ने विशेष रूप से कोई टिप्पणी नहीं की। लेकिन यह कहकर संकेत दिया कि ऐसे प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन हैं।