दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 156 दिनों बाद बड़ी राहत देते हुए जमानत दी है। हरियाणा में आम आदमी पार्टी अकेले चुनाव लड़ रही है। चुनाव प्रचार शुरू होने से ठीक पहले केजरीवाल को जमानत मिलना आप के लिए बूस्टर साबित होगा।
केजरीवाल की कर्मभूमि दिल्ली, हरियाणा जन्मभूमि
हरियाणा विधानसभा चुनाव प्रचार से पहले अरविंद केजरीवाल का जेल से बाहर आना आप की संगठन में नई जान डालेगी। पार्टी कार्यकर्त्ता लामबंद होंगें। केजरीवाल चुनाव प्रचार की कमान संभालेंगे। केजरीवाल की कर्मभूमि दिल्ली है तो वहीं हरियाणा उनका जन्मभूमि है। केजरीवाल हरियाणा के पड़ोसी राज्य दिल्ली और पंजाब में सरकार चला रहे हैं। केजरीवाल खुद को हरियाणा का बेटा और दिल्ली के कामों का जिक्र कर वोट पा सकते हैं। जिससे बीजेपी और कांग्रेस को हानि हो सकती है। आप हरियाणा की सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।
बीजेपी पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल से बाहर आने से सरकार विरोधी वोटों का बंटवारा होगा। जिसका फायदा बीजेपी को मिल सकता है। लेकिन शहरी इलाकों में केजरीवाल बीजेपी के वोटबैंक में सेंध लगा सकते हैं। इसबार हरियाणा में वैसे तो लड़ाई सीधी दिख रही है बीजेपी और कांग्रेस में। लेकिन आप अगर थोड़ी भी सेंध मारेगी तो बीजेपी और कांग्रेस दोनों को हानि पहुंचाएगी।
कांग्रेस पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में गठबंधन की बात चल रही थी लेकिन सीटों की संख्या पर सहमति नहीं बनने के कारण गठबंधन नहीं हो सकी और आप ने 90 सीटों पर उम्मीदवार उतारें। इसबार के चुनाव में सत्ता विरोधी लहर देखने को हरियाणा में मिल रही है। लेकिन आम आदमी पार्टी अगर गहन चुनाव प्रचार करती है और सत्ता विरोधी वोटों में सेंध लगाती है तो कांग्रेस को हानि हो सकती है। लगभग दस सीटों पर आप का प्रभाव है। जहाँ वह जीतने और हराने की स्थिति में है। कांग्रेस और बीजेपी के नाराज नेताओं को आप ने शामिल कराकर कुछ इलाके में अच्छी प्रभाव बनाई है। ग्रामीण इलाकों में देखना होगा की आम आदमी पार्टी कितना सफलता पा पाती है।
2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने हरियाणा में 46 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. मगर पार्टी का पार्टी का वोट शेयर केवल 0.48 प्रतिशत रहा था।
अरविंद केजरीवाल की जमानत पर मनीष सिसौदिया ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल को ज़मानत दिए जाने पर AAP नेता मनीष सिसौदिया ने कहा, “आज सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी को बहुत बड़ा संदेश दिया है कि तुम्हें अपनी तानाशाही बंद करनी पड़ेगी। सुप्रीम कोर्ट का आदेश बीजेपी के मुंह पर कड़ा तमाचा है कि आप एजेंसियों का गलत उपयोग कर रहे हैं। भारत में अगर किसी की चलेगी तो देश के संविधान की चलेगी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले में ये साफ होता है कि CBI जानबूझकर अरविंद केजरीवाल को जेल के अंदर रखने की मंशा के तहत गिरफ्तार कर रही थी। ये मंशा बीजेपी की थी इसलिए जब ईडी के केस से वह बाहर आने वाले थे तब उन्हें CBI द्वारा गिरफ्तार करवाया गया। आज बीजेपी को माफी मांगनी चाहिए।
केजरीवाल की जमानत पर बीजेपी ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट द्वारा अरविंद केजरीवाल को ज़मानत दिए जाने पर भाजपा नेता गौरव भाटिया ने कहा, “सर्वोच्च न्यायालय ने कट्टर बेईमान, AAP के संयोजक अरविंद केजरीवाल को फिर से आइना दिखाया है। जो आदेश पारित हुआ है, उसमें भ्रष्टाचारी अरविंद केजरीवाल को सशर्त जमानत मिली है। जेल वाला CM अब बेल वाला CM बन गया है। अब अरविंद केजरीवाल को चाहिए कि वो अपने पद से इस्तीफा दे दें, लेकिन अरविंद केजरीवाल ऐसा करेंगे नहीं क्योंकि उनमें जरा भी नैतिकता नहीं बची है। अब ये कहना गलत नहीं होगा कि भ्रष्टाचार युक्त CM अभियुक्त। अब वो अभियुक्त की श्रेणी में हैं।”
गौरव भाटिया ने कहा, “सशर्त बेल पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है है कि अन्य आरोपियों के जमानत आदेश की शर्तें अरविंद केजरीवाल पर भी लागू होंगी। अरविंद केजरीवाल का पासपोर्ट कोर्ट में रहेगा। वह विदेश यात्रा पर नहीं जा सकते हैं। अरविंद केजरीवाल को हर सोमवार और गुरुवार को जांच अधिकारी के सामने पेश होना पड़ेगा। वह गवाहों को डरा नहीं सकते और साक्ष्य को नष्ट नहीं कर सकते।”