देश के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी हाल ही में जामनगर से द्वारका तक 140 किलोमीटर की पैदल यात्रा के दौरान सुर्खियों में आए हैं। इस यात्रा के दौरान एक अनूठे और दिल छू लेने वाले कदम के लिए अनंत अंबानी चर्चित हो गए। उन्होंने एक ट्रक में ले जाई जा रही 250 मुर्गियों को दोगुनी कीमत पर खरीद लिया और उन्हें बूचड़खाने जाने से बचाया।
मुर्गियों को बचाने की अनूठी पहल
अपनी पैदल यात्रा के दौरान अनंत अंबानी ने देखा कि एक ट्रक में 250 मुर्गियों को बूचड़खाने ले जाया जा रहा है। बिना किसी हिचकिचाहट के उन्होंने ट्रक को रोकवाया और ड्राइवर से बातचीत कर मुर्गियों को दोगुनी कीमत पर खरीद लिया। अनंत ने कहा, “अब हम इन्हें पालेंगे,” और एक मुर्गी को हाथ में लेकर आगे बढ़ते हुए “जय द्वारकाधीश” का नारा भी लगाया।
धार्मिक स्थलों पर आशीर्वाद लेते हुए
यात्रा के पांचवें दिन अनंत अंबानी वडत्रा गांव के पास विश्वनाथ वेद संस्कृत पाठशाला पहुंचे, जहां उन्होंने संस्थापक मगनभाई राज्यगुरु के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। इसके बाद खंभालिया के फुललीया हनुमान मंदिर में भरतदास बापू ने उनका शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया और भगवान द्वारकाधीश की फोटो भेंट की, जिसे अनंत ने आशीर्वाद के रूप में स्वीकार किया।
10 अप्रैल को द्वारका में मनाएंगे जन्मदिन
अनंत अंबानी ने अपनी यात्रा 28 मार्च को जामनगर के मोती खावड़ी से शुरू की थी और वह 10 अप्रैल को अपना 30वां जन्मदिन द्वारका में मनाएंगे। लोगों को परेशानी न हो, इसके लिए वे रात के समय यात्रा कर रहे हैं। मीडिया से बातचीत के दौरान अनंत ने कहा, “मैं हमेशा कोई भी काम शुरू करने से पहले भगवान द्वारकाधीश को याद करता हूं। युवाओं से मेरा संदेश है कि वे भगवान पर विश्वास रखें, क्योंकि जहां भगवान हैं, वहां चिंता की कोई बात नहीं।”
वन्यजीव संरक्षण के प्रति समर्पण
अनंत अंबानी वन्यजीव संरक्षण के लिए अपने प्रोजेक्ट “वनतारा” के तहत सक्रिय हैं। हाल ही में केंद्र सरकार ने उन्हें पशु कल्याण के लिए “प्राणी मित्र राष्ट्रीय पुरस्कार” से सम्मानित किया है। वनतारा परियोजना के तहत 2000 से अधिक प्रजातियों के 1.5 लाख से अधिक जानवरों को बचाया गया है।
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अनंत अंबानी का यह कदम न केवल उनकी मानवता को दर्शाता है बल्कि यह भी साबित करता है कि सच्चे धन की माप पैसे में नहीं, बल्कि दिल के अच्छे कामों में है। उनका यह संदेश हर किसी के लिए प्रेरणादायक है।