वक्फ बिल के लोकसभा में पेश होने से पहले देश की राजनीति में गरमी छा गई है। इस बिल को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों के बयानों ने बहस को और तेज कर दिया है। आंध्र प्रदेश की तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) और बिहार की जनता दल (यूनाइटेड) तथा लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) ने इस बिल के समर्थन में अपनी स्थिति स्पष्ट की है।
टीडीपी का समर्थन: मुस्लिमों के हित में कदम
टीडीपी नेता प्रेम कुमार जैन ने कहा कि पार्टी वक्फ संशोधन बिल का समर्थन करेगी। उन्होंने कहा, “करीब 9 लाख एकड़ वक्फ बोर्ड की जमीन पर कई लोगों ने गैरकानूनी तरीके से कब्जा कर रखा है। हमारी पार्टी इस बिल का समर्थन करेगी क्योंकि यह वक्फ संपत्तियों की रक्षा के लिए आवश्यक है।”
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने भी इस पर बयान दिया, कहा, “टीडीपी सरकार ने हमेशा वक्फ संपत्तियों की रक्षा की है और आगे भी करती रहेगी। जब सरकारी आदेशों पर विवाद उत्पन्न हुआ, तब हमारी सरकार ने उस पर रोक लगाई और वक्फ बोर्ड के कार्यों को फिर से सक्रिय किया।”
जेडीयू और एलजेपी का रुख: विपक्ष के दावों पर प्रतिवाद
जेडीयू ने इस बिल के समर्थन में अपनी स्थिति स्पष्ट की है। पार्टी ने कहा, “विपक्ष की तरफ से मुस्लिमों को भ्रमित करने की कोशिश की जा रही है। इस बिल में ऐसा कुछ भी नहीं है जो उनके अधिकारों को छिनने जैसा हो।”
वहीं एनडीए के सहयोगी दल एलजेपी (आर) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने भी विपक्ष के दावों पर प्रतिक्रिया दी, कहा, “विपक्ष मुस्लिम समुदाय को गुमराह कर रहा है।”
बिल पर देशव्यापी बहस
वक्फ संशोधन बिल को लेकर देश भर में बहस छिड़ी हुई है। इस पर मुस्लिम समुदाय और राजनीतिक दलों की नजरें टिकी हुई हैं क्योंकि इसका सीधा असर वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और सुरक्षा पर पड़ेगा।
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अगला कदम क्या होगा?
लोकसभा में बिल के पेश होने से पहले राजनीतिक दलों की स्थितियां स्पष्ट हो चुकी हैं। अब देखना यह रहेगा कि क्या सरकार इस बहस के बीच अपने प्रस्तावित बदलावों को सफलतापूर्वक लागू कर पाएगी या नहीं।