केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को दोनों सदनों के नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी (लोकसभा) और मल्लिकार्जुन खड़गे (राज्यसभा) को पत्र लिख कर संसद को सुचारु रूप से चलाने और मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा के लिए सहयोग मांगा था। गृह मंत्री अमित शाह के पत्र को जवाब देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष और राज्य सभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि आपके पत्र में व्यक्त भावनाओं की कथनी और करनी में जमीन आसमान का अंतर है। सरकार का रवैया आपके पत्र के भाव के विपरीत सदन में असंवेदनशील और मनमाना रहा है। यह रवैया नया नहीं बल्कि पिछले कई सत्रों में भी विपक्ष को देखने को मिला है। नियमों और परिपाटी को ताख पर रख कर विपक्ष को एक चाबुक से हाँका जा रहा है।
राज्यसभा नेता प्रतिपक्ष खड़गे ने आप सांसद संजय सिंह के निलंबन का जिक्र भी अपने पत्र में किया है। खड़गे ने कहा है कि छोटी घटनाओं को तिल का ताड़ बनाकर माननीय सदस्यों को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया। ऐसा तब जब कि नियम इस विषय में यह है कि किसी सदस्य का निलंबन उसी घटना के लिए एक सत्र से अधिक जारी नहीं रह सकता।
https://twitter.com/kharge/status/1684093039449350144
खड़गे ने आगे कहा, एक ही दिन में आदरणीय प्रधानमंत्री देश के विपक्षी दलों को अंग्रेज शासकों और आतंकवादी दल से जोड़ते है और उसी दिन गृहमंत्री भावनात्मक पत्र लिखकर विपक्ष से सकारात्मक रवैये की अपेक्षा करते हैं। सत्ता पक्ष और विपक्ष में समन्वय का अभाव वर्षों से दिख रहा था, अब यह खाई सत्तापक्ष के अंदर भी दिखने लगी है। इस पर प्रधान मंत्री द्वारा विपक्षी दलों को दिशाहीन बताना बेतुका ही नहीं बल्कि दुर्भाग्यपूर्ण भी है।
क्या कहा था अमित शाह ने ?
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने अपने पत्र में कहा था कि इस समय मणिपुर की जनता चाहती है कि हम सभी पार्टियों के संसद सदस्य उन्हें यह विश्वास दिलाएं कि हम एक होकर मणिपुर की शांति के लिए संकल्पबद्ध हैं। पूर्व में हमारी महान संसद ने यह करके भी दिखाया है। विपक्ष की मांग है कि सरकार द्वारा मणिपुर पर स्टेटमेंट हो, मैं आपको बताना चाहता हूँ कि सरकार सिर्फ स्टेटमेंट ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण चर्चा के लिए तैयार है। लेकिन इसमें सभी दलों का साथ अपेक्षित है।
https://twitter.com/AmitShah/status/1683826545725677574
गृह मंत्री ने कहा कि मेरी आपके माध्यम से समग्र विपक्षी दलों से विनती है कि अच्छे वातावरण में चर्चा के लिए आप आगे आएं। हम अपने राष्ट्र के सामने आने वाली चुनौतियों का न्यायसंगत और स्थायी समाधान खोजने के लिए पार्टी लाइन से ऊपर उठें और सदभाव से काम करें। मैं आपसे और आपकी पार्टी के सभी सदस्यों से संसद के निरंतर कामकाज को सुनिश्चित करने में अपना समर्थन देने का आग्रह करता हूं।