लखनऊ: जेल में बंद गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी जीवा हत्याकांड के आरोपी विजय यादव को पुलिस ने लखनऊ के कोर्ट क्राइम स्पॉट से रिमांड में लिया. बताया जा रहा है की हमलावर विजय यादव वकील के भेष में आया था कोर्ट, हमलावर जौनपुर जिले का रहने वाला है तथा इसका आना जाना मुंबई और बहराइज मैं ज्यादा हुआ करता था |
जिस संजीव माहेश्वरी जीवा के ऊपर पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर और पूर्वी उत्तर प्रदेश तक 22 आपराधिक घटनाओ के तमाम मुक़दमे दर्ज थे उस संजीव माहेश्वरी जीवा को भरी कोर्ट में गोली मार के कर दी दर्दनाक हत्या | हमलावार को सजीव जीवा का कोर्ट में आने का समय भी पता था इसके साथ ही उसने सही समय को देखते हुए इस घटना को अंजाम दिया |
सजीव की हत्या की जांच कर रही पुलिस को कई ऐसे सुराग मिले हैं कि विजय मई के अंतिम सप्ताह में काठमांडू गया था। जहां उसकी मुलाकात किसी अशरफ से हुई थी। पुलिस की पूछताछ के बाद विजय यादव 2 नाम ले रहा आतिफ और अशरफ. आतिफ जो लखनऊ जेल में बंद है, जिसकी दाढ़ी नोच कर संजीव जीवा ने अपमानित किया था. इसी अपमान का बदला लेने के लिए आतिफ के भाई अशरफ ने विजय को नेपाल में संजीव माहेश्वरी जीवा की हत्या करने के लिए 20 लाख रुपये देने का वादा किया था।
पुलिस प्रशासन ने ये कहा कि इस हत्या काण्ड के लिए उन्हें नेपाल में अपने समकक्षों और आईबी से मदद लेगी जिसे ये केस जल्दी से जल्दी सुलझाया जा सके। परन्तु उत्तर प्रदेश पुलिस के बाद ये हत्याकांड की जांच अब SIT ने टेकओवर कर लिया और आगे की जांच पड़ताल इन्ही के नेतृत्व मैं होगी।
बेशक, पुलिस विजय के जवाब से इंकार नहीं कर सकती थी, इसलिए जांच अधिकारियों ने उसके बयान के आधार पर आतिफ और अशरफ की कुंडली खंगाली।
SIT को है इन सवालो के जवाब की तलाश की हत्या की वजह क्या थी, हथियार किसने कोर्ट के अंदर लाने में विजय की सहायता करी, हमलावर का अपराधियों से क्या कनेक्शन था,वह अतीक के भाई अशरफ से कैसे मिला, जीवा के जेल से लेकर कोर्ट तक जाने के सफर के बारे में जानकारी किसने दी या किसके द्वारा बताई गयी। इन सभी सवालो के जवाब को खंगाला जा रहा है |