महिला आरक्षण बिल पर विपक्ष की तरफ से कांग्रेस नेता सोनिया गांंधी ने लोकसभा में चर्चा की शुरुआत की। सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस महिला आऱक्षण बिल का समर्थन करती है, मैं इस बिल के समर्थन में खड़ी हुई हूं। यह मेरी जिंदगी का मार्मिक समय है। पहली बार निकाय चुनाव में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने वाला बिल मेरे जीवनसाथी राजीव गांधी ही लाए थे। आज उसी का नतीजा है, कि देशभर के स्थानीय निकायों के जरिए हमारे पास 15 लाख चुनी हुईं महिला नेता हैं। राजीव गांधी का सपना अभी आधा ही पूरा हुआ है, इस बिल के पास होने के साथ ही वह पूरा होगा। कांग्रेस पार्टी इस बिल का समर्थन करती है। हमें इस बिल के पास होने की खुशी हैं, लेकिन एक चिंता भी है।
मैं सवाल पूछना चाहती हूं कि पिछले 13 साल से महिलाएं राजनीतिक जिम्मेदारी का इंतजार कर रही हैं। अभी उनसे और इंतजार करने के लिए किया जा रहा है। 2 साल, 4 साल, 6 साल कितने साल का ये इंतजार हो। हमारी मांग है कि ये बिल तुरंत पास किया जाए। लेकिन जातिगत जनगणना कराकर एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण की व्यवस्था की जाए। सरकार को इसे पूरा करने के लिए जो कदम उठाने की जरूरत है, उसे उठाने चाहिए। इस बिल में देरी नहीं करना महिलाओं के लिए अन्याय होगा।
महिला आरक्षण बिल कल मंगलवार को केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल में लोकसभा में पेश किया था। इस बिल का नाम “नारी शक्ति वंदन अधिनियम” है। इस बिल के माध्यम से महिलाओं के लिए लोकसभा ओर राज्यों के विधानसभा में महिलाओं के लिए 33% सीटें आरक्षित की जाएगी।
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2024 लोकसभा में चुनाव में नहीं लागू होगा ये कानून
इस महिला आरक्षण बिल में सरकार ने बताया है कि ये कानून देश में जनगणना ओर नई परिसीमन लागु होने के बाद ही लागूं होगा। यानि कि ये बिल 2029 में लागु होने की संभावना है।