हरियाणा सरकार ने पराली जलाने वाले किसानों पर बड़ा और कड़ा फैसला लिया है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, हरियाणा ने आदेश जारी कर कहा कि राज्य में धान फसल अवशेष (पराली) जलाने पर प्रभावी नियंत्रण हेतु राज्य सरकार द्वारा निम्नलिखित निर्णय लिये गये हैं:-
1. एफआईआर दर्ज करना और अभियोजन शुरू करना: सीएक्यूएम के निर्देशों के अनुसार, चालू सीजन के दौरान यानी 15.09.2024 से धान की फसल के अवशेष जलाने वाले या जलाने वाले सभी किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए और संबंधित अधिनियम के तहत मुकदमा चलाया जाना चाहिए।
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2. किसानों के फार्म रिकॉर्ड में लाल निशान प्रविष्टि: धान की फसल अवशेष जलाने में शामिल पाए जाने वाले किसानों के एमएफएमबी रिकॉर्ड में लाल प्रविष्टि की जानी चाहिए। इसका प्रावधान उप कृषि निदेशक लॉगिन में पहले ही दिया जा चुका है। यह किसानों को अगले दो सीज़न के दौरान ई-खरीद पोर्टल के माध्यम से मंडियों में अपनी फसल बेचने के लिए प्रतिबंधित करेगा। यह प्रविष्टि अनिवार्य है और इसे सभी कृषि भाग के लिए तुरंत पूरा किया जाना चाहिए। पराली जलाने वाले सभी खसरों और किसानों को दिए गए लॉगिन में टैग किया जाना चाहिए।
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इस आदेश का कड़ाई से अनुपालन करने के लिए कहा गया है।
पराली जलाने के मुद्दे पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पराली जलाने का मुद्दा किसी एक राज्य तक सीमित नहीं है। यह पूरे उत्तर भारत का मुद्दा है। अगर प्रधानमंत्री मोदी यूक्रेन युद्ध को रोक सकते हैं जैसा कि उन्होंने विज्ञापन में दिखाया है, तो क्या वे यहां धुआं नहीं रोक सकते? उन्हें सभी राज्यों की बैठक करवानी चाहिए, मुआवजा देना चाहिए और वैज्ञानिकों को बुलाना चाहिए।