दिल्ली एनसीआर की हवा दिनों दिन जहरीली बनती जा रही है। गैस चैंबर दिल्ली में सांसों का मानों संकट हो गया है। जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली एनसीआर में ग्रैप 4 के चलते 12वीं तक की सभी कक्षाएं ऑनलाइन चलाने के आदेश दे दिए हैं। वहीं, ये भी कहा कि प्रदूषण लेवल कम होने पर भी जब तक कोर्ट नहीं कहेगा तब तक ग्रैप-4 लागू रहेगा।
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दिल्ली-एनसीआर में 19 नवंबर 2024 को प्रदूषण गंभीर स्थिति में बना हुआ है। चार दिनों से कई क्षेत्रों जैसे जहांगीरपुरी, बवाना और बुराड़ी क्रॉसिंग में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) ‘गंभीर श्रेणी’ में है, और 500 के स्तर को भी पार कर गया है। घने स्मॉग के कारण दृश्यता में कमी आई है, और हवाई यातायात पर भी असर पड़ा है।
स्थिति को संभालने के लिए दिल्ली सरकार ने ग्रैप (GRAP) के स्टेज-4 के तहत कई सख्त कदम उठाए हैं। इनमें ये प्रतिबंध लगाए गए हैं।
डीजल वाहनों पर प्रतिबंध
दिल्ली में गैर-जरूरी चार-पहिया डीजल वाहनों और भारी डीजल वाहनों के संचालन पर रोक लगाई गई है। केवल बीएस-6 मानकों वाले वाहन और आवश्यक सेवाओं से जुड़े वाहन ही चल सकेंगे।
ट्रकों का प्रवेश
केवल इलेक्ट्रिक और सीएनजी से चलने वाले ट्रकों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति है।
निर्माण कार्य पर प्रतिबंध:
आवश्यक परियोजनाओं को छोड़कर सभी निर्माण और विध्वंस कार्य पर रोक लगाई गई है।
स्कूलों और कार्यालयों पर प्रभाव: सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने 12वीं तक की सभी कक्षाएं ऑनलाइन करने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा दिल्ली में सरकारी दफ्तरों की टाइमिंग में भी बदलाव कर दिया गया है। बढ़ते प्रदूषण के स्तर को देखते हुए दिल्ली यूनिवर्सिटी और जेएनयू ने भी ऑनलाइन क्लासेज का एलान कर दिया है।