बेंगलुरु, जिसे भारत का सिलिकॉन वैली कहा जाता है, अपनी टेक्नोलॉजी और इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए जाना जाता है। हालांकि, ट्रैफिक जाम यहां के लोगों के लिए एक बड़ी समस्या है। इसे हल करने के लिए अब ईस्टर्न कनेक्टिविटी टनल का निर्माण किया जा रहा है, जो शहर की यात्रा को और सुगम बनाएगी।
क्या है ईस्टर्न कनेक्टिविटी टनल?
ईस्टर्न कनेक्टिविटी टनल एक अत्याधुनिक सुरंग परियोजना है, जो बेंगलुरु के पूर्वी हिस्से को मुख्य शहर से जोड़ने के लिए बनाई जा रही है। यह सुरंग यातायात के दबाव को कम करने और यात्रा के समय को काम करने में मदद करेगी।
टनल की खासियतें
1. लंबाई और डिजाइन:
o सुरंग की कुल लंबाई लगभग 10 किलोमीटर होगी।
o इसमें आधुनिक वेंटिलेशन सिस्टम और फायर सेफ्टी सिस्टम लगाया जाएगा।
2. यातायात क्षमता:
o इस सुरंग से हर दिन लगभग 1 लाख वाहन गुजर सकते हैं।
o तेज़ और सुरक्षित यात्रा के लिए इसमें अलग-अलग लेन बनाई जाएंगी।
3. पर्यावरण संरक्षण:
o सुरंग को इस तरह डिजाइन किया गया है कि इसके निर्माण से पर्यावरण पर कम से
कम प्रभाव पड़े।
o टनल के चारों ओर ग्रीन कवर भी विकसित किया जाएगा।
यात्रा में क्या होगा बदलाव?
समय की बचत: ईस्टर्न कनेक्टिविटी टनल बनने के बाद, बेंगलुरु के प्रमुख स्थानों तक पहुंचने में लगने वाला समय 30-40% तक कम हो जाएगा।
ट्रैफिक जाम से राहत: इस टनल के चालू होने से शहर के भीतर के ट्रैफिक को डायवर्ट किया जाएगा, जिससे मुख्य सड़कों पर ट्रैफिक कम होगा।
सुविधाजनक यात्रा: आधुनिक तकनीक और सुविधाओं के कारण, यात्रा और भी सुरक्षित और आरामदायक होगी।
टनल के निर्माण की वर्तमान स्थिति
टनल का निर्माण तेजी से प्रगति पर है। इसे 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य सरकार और बेंगलुरु मेट्रोपॉलिटन क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण (BMRDA) मिलकर इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं।
यह भी पढ़ें: देवेंद्र फडणवीस होंगे महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री
निवासियों और पर्यटकों के लिए लाभ
ईस्टर्न कनेक्टिविटी टनल न केवल बेंगलुरु के निवासियों के लिए बल्कि यहां आने वाले पर्यटकों और व्यापारिक यात्रियों के लिए भी वरदान साबित होगी। यह परियोजना शहर की आर्थिक गतिविधियों को और तेज़ करेगी और बेंगलुरु को एक और आधुनिक पहचान देगी।