आम तौर पर पचास साल की उम्र के बाद लोग घुटनों के दर्द की शिकायत शुरू कर देते हैं. यही वजह है है कि घुटनों के दर्द की समस्या बहुत आम है. चूंकि ये दर्द बड़ी उम्र में होता है इसलिए अक्सर लोग इसकी वजह को भी उम्र से ही जोड़ देते हैं पर ये सच हो कर भी पूरा सच नहीं है.
उम्र बढ़ जाने पर घुटनो के दर्द का शुरू हो जाना एक स्वाभाविक सी बात है लेकिन सबके लिए ऐसा हो ये भी ज़रूरी नहीं. दूसरी बात ये कि घुटनों के दर्द की बस एक वजह नहीं है बल्कि इसके कई कारण हो सकते हैं.
सामान्य कारण
उम्र बढ़ना, पैरों या घुटनो पर चोट लग जाना, घुटने पर बार-बार तनाव या दबाव पड़ना, गठिया की बीमारी का होना, टेंडोनाइटिस हो जाना, घुटनों के लिगामेंट का टूट जाना, हड्डियां कमज़ोर होना, मोटापे से ग्रस्त होना, आदि ये कुछ कारण हैं जो कि घुटनों के दर्द की वजह बनते हैं.
घरेलू इलाज भी है
चूँकि घुटनों के दर्द को एक घरेलु बीमारी माना जाता है इसलिए घुटने के दर्द का इलाज भी अक्सर घर पर ही किया जाता है. हमारे परिवार की दादी नानियाँ इस बारे में एक से बढ़ कर एक उपाए बताती रहती हैं. वैसे आप स्वयं भी कुछ उपाय आज़मा सकते हैं:
ओवर-द-काउंटर मेडिसिन्स
आमतौर पर यदि आपको घुटनों के दर्द को लेकर अधिक जानकारी नहीं है तो आप ओवर-द-काउंटर दवाएं ले सकते हैं जैसे इबुप्रोफ़ेन या नेप्रोक्सन सोडियम आदि. इनकी जानकारी आपको आपके मोहल्ले का केमिस्ट खुद ही दे देगा.
बहुत तेज दर्द हो रहा हो और आपको कहीं चल कर जाना हो या पैरों का इस्तेमाल करना हो जैसे फुटबॉल या क्रिकेट मैच कंटीन्यू करने की मजबूरी हो तो आप घुटने पर सुन्न करने वाले एजेंट वाली क्रीम लगा सकते हैं जिससे दर्द आपको पता नहीं चलेगा. लेकिन इसे अधिक मात्रा में और अधिक बार इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
प्रकृति वाला समाधान
प्रकृति हर मानवीय समस्या का समाधान देती है. इसलिए घुटनों के दर्द पर नियंत्रण के लिए आप नियमित रूप से सुबह कुछ देर धूप में टहलना शुरू कर दीजिये. सूर्य की किरणों में उपस्थित दर्द निवारक तत्व आपके लिए कई रूप में कई स्तरों पर लाभकारी होंगे.
परहेज पहली दवाई
कहा जाता है कि परहेज पहली दवाई है याने कि परहेज की गोली खा लेंगे तो बीमारी की दवाई नहीं खानी पड़ेगी. इसलिए कुछ परहेज इस दिशा में भी जानने जरूरी हैं जो यदि आप आजमाएंगे तो बीमारी के लपेटे में नहीं आएंगे.
जब शुरू हो जाये दर्द
यदि आप परहेज का ध्यान न रख सकें और आपके घुटनों में दर्द शुरू हो गया हो तो आप को ये वाले परहेजों पर देना होगा ध्यान. जैसे, परहेज नंबर वन -मोनोसोडियम ग्लूटामेट या एमएसजी से भरपूर खाद्य पदार्थों से बचें. इसी तरह डिब्बाबंद सूप, पिज्ज़ा, ख़ास प्रकार के पनीर, एवं फ़ास्ट फ़ूड जैसे प्रोसेस्ड या पहले से पैक किए गए फ़ूड प्रोडक्ट से बचें.