कभी इस बात पर लोग ध्यान नहीं देते कि ऐसा क्यों कहा जाता है कि बंदर नहीं जानता है अदरक का स्वाद.
Health / Ginger: आयुर्वेद इस विषय पर काफी कुछ बताता है. स्वास्थ्य की दृष्टि से अदरक बहुत ख़ास है. इसमें कई पोषक तत्व होते हैं और इसी वजह से आयुर्वेद में अदरक को अमृत जैसा ही माना जाता है. अदरक में के भीतर आयरन, कैल्शियम सहित कई खनिज तत्व होते हैं.
अदरक से बंदर को प्रेम क्यों नहीं?
सर्दियों का मौसम आते ही शुरू हो जाती है शीतलहर, देखने को मिलता है कोहरा और बढ़ने लगती है ठंड. मौसम के इस परिवर्तन से जनजीवन प्रभावित होता है. मनुष्य तो छोड़िये, पशु भी भी इसी जुगत में रहते हैं कि कैसे कहीं से थोड़ी गर्मी मिल जाए.
ऐसे में मनुष्यों को पता है कि एक ऐसी वस्तु है, जो हमें ठंड के कारण पैदा हुई कई समस्याओं से मुक्ति दिला सकती है. ये है वो किचन की वस्तु जो आयुर्वेद में ‘गुणों का खान’ कहलाती है. इसे हम जानते हैं अदरक के नाम से.
मुहावरा कहता है कि बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद. इसका सांकेतिक मतलब है कि काम की चीज़ के बारे में सबको पता नहीं होता. लेकिन इसका सीधा अर्थ कहता है कि बंदर अदरक का स्वाद नहीं जानता. इसका क्या मतलब है ? क्या बंदर अदरक नहीं खाता ? या बंदर को अदरक पसंद नहीं है ? या उसको अदरक के गुणों के बारे में पता नहीं है? – तीसरी बात ठीक लगती है.
ये है इस मुहावरे का सही अर्थ
ये एक लोकप्रिय मुहावरा है जिसे हम आम तौर पर अपने दैनिक जीवन की बातचीत में बहुत बार बोलते हैं. अर्थ स्पष्ट है कि अज्ञानी व्यक्ति किसी गुण की कदर नहीं करता. इस मुहावरे के पीछे जाएँ तो वजह साफ़ है इसके अनुसार इंसान जिस तरह से अदरक का स्वाद लेता है अर्थात गुणों की कदर करके उसका लाभ लेता है, बंदर नहीं ले सकता. इस कारण बंदर अदरक को सूंघने के बाद फौरन उसको फेंक देता है.
यहां गौर करने वाली बात ये है कि शाकाहारी पशु बंदर वैसे तो हर तरह के पेड़-पौधों पर खेलता कूदता रहता है और उन सभी से उसका परिचय होता मगर उसके भीतर अदरक के गुणों को पहचानने की क्षमता नहीं होती. अदरक का स्वाद अर्थात उसके गुणों को पहचानने की क्षमता शरीफ मनुष्यों में होती है, बंदरों में नहीं.
यद्यपि अदरक का रंग-रूप और स्वाद दूसरी सब्जियों या फलों से एकदम अलग होता है लेकिन शरीर के लिए उसके गुण काफी लाभप्रद होते हैं. चाहे चाय हो या काढ़ा, अदरक की खुशबू न केवल उसका जायका बढ़ा देती है बल्कि उसे और भी गुणकारी बना देती है. इसी तरह अदरक सब्जी में जा कर उसका स्वाद भी बढ़ा देता है.
भरपूर पोषक तत्व हैं अदरक में
अदरक के भीतर के कई पोषक तत्व होते हैं और इसी वजह से आयुर्वेद अदरक को पृथ्वी के पांच अमृत के समान माना जाता है. अदरक में कैल्शियम, आयरन के साथ दुसरे खनिज भी तत्व होते हैं. सीधे तौर पर तो अदरक पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है. यदि आपको उल्टी हो रही हो तो अदरक खाने से राहत मिलती है. मोटापे के रोगियों के लिए अदरक सबसे काम की वस्तु है इसको खाने से वजन कम करने में मदद मिलती है. इतना ही नहीं हर इंसान के लिए जरूरी इम्यून सिस्टम भी अदरक की मदद से मजबूत होता है.
गुणों की खान है अदरक
अगर आपको थकान हो गई हो तो अदरक खाने से थकान दूर होती है और संक्रमण से लड़ने में भी ये मददगार सिद्ध होता है. विशेषज्ञ बताते हैं कि अदरक खाने से हृदय संबंधी समस्याओं की आशंका कम से कम होती चली जाती है. इतना ही नहीं ये गठिया के दर्द में भी आराम देता है
आयुर्वेद बताता है कि यदि कई दिनों से आप खांसी से परेशान हों तो अदरक कूट कर उसकी चाय बना कर पीजिए. इसी तरह नमक के साथ अदरक को चाटने से गले में राहत मिलती है. महिलाओं के लिए अदरक पीरियड्स के दर्द से मुक्ति दिलाता है. इसके लिए अदरक को गर्म पानी या चाय के साथ पी कर महिलायें मासिक धर्म के दर्द से राहत पा सकती हैं. सभी जानते हैं कि सर्दी और जुकाम के लिए भी अदरक रामबाण का काम करता है.