कोरोना वायरस (Corona Virus) के बाद दुनिया में अब एक और वायरस ने दस्तक दे दी है और लोगों को दहशत में डाल दिया है। ये वायरस है HMP Virus और ये भी चीन से ही आया है और भारत में अब तक इसके 8 केस मिल चुके हैं। जानकारों के अनुसार, HMP Virus पहली बार 2001 में सामने आया था और यह पैरामिक्सोविरिडे (Paramyxoviridae) परिवार का सदस्य है। 2001 में आया ये वायरस लेकिन आज तक इसका कोई टीका या फिर एंटीवायरल इलाज नहीं है।
2001 में जब ये वायरस सामने आया तब से ही यानी दो दशकों से इस पर रिसर्च चल रही है। लेकिन अभी तक इसका सामना करना मुश्किल हो रहा है, जो कि सभी के लिए चिंता का विषय है।
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क्या है ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMP Virus)
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) एक श्वसन संक्रमण फैलाने वाला वायरस है, जो मनुष्यों में ऊपरी और निचले श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। यह वायरस मुख्य रूप से बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्तियों को प्रभावित करता है। यह पहली बार 2001 में खोजा गया था और यह पैरामिक्सोविरिडे (Paramyxoviridae) परिवार का सदस्य है।
HMPV के ये लक्षण नजरअंदाज ना करें
इसके लक्षण आमतौर पर अन्य श्वसन संक्रमण जैसे होते हैं:
- खांसी।
- बुखार।
- गले में खराश।
- सांस लेने में कठिनाई।
- नाक बहना या बंद होना।
- फेफड़ों में सूजन (निमोनिया)।
- ब्रोंकाइटिस
गंभीर मामलों में
- सांस की गंभीर समस्या हो सकती है।
- बच्चों और बुजुर्गों में स्थिति गंभीर हो सकती है।
कैसे फैलता है ये वायरस?
HMPV मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है। यह निम्नलिखित तरीकों से फैल सकता है:
- संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से।
- संक्रमित सतह को छूने के बाद आँख, नाक या मुँह को छूने से।
- संपर्क में आने से..जैसे हाथ मिलाना या गले लगना।
किसे है ज्यादा खतरा?
- 5 साल से छोटे बच्चे।
- 65 साल से अधिक आयु के बुजुर्ग।
- हृदय और फेफड़ों की पुरानी बीमारियों से पीड़ित लोग।
- कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्ति।
वायरस से बचने के तरीके?
HMPV का निदान निम्नलिखित परीक्षणों से किया जा सकता है:
- PCR टेस्ट: वायरस की पहचान के लिए।
- श्वसन स्राव परीक्षण: नाक या गले के स्राव का परीक्षण।
- रक्त परीक्षण: संक्रमण के संकेतों को पहचानने के लिए।
क्या हैं बचने के उपचार?
HMPV के लिए कोई विशेष एंटीवायरल दवा उपलब्ध नहीं है। इसका उपचार लक्षणों को प्रबंधित करने पर आधारित होता है:
- संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क से बचना।
- नियमित रूप से हाथ धोना।
- खांसने या छींकने के दौरान मुँह ढकना।
- भीड़-भाड़ वाले स्थानों से बचना।
- प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाए रखना।
- तरल पदार्थ का सेवन बढ़ाना।
- बुखार और दर्द के लिए पैरासिटामोल या इबुप्रोफेन।
- सांस की समस्या के लिए ऑक्सीजन सपोर्ट या इनहेलर।
HMPV एक सामान्य संक्रमण है, लेकिन यह कमजोर प्रतिरक्षा वाले व्यक्तियों के लिए गंभीर हो सकता है। ध्यान रहे गंभीर मामलों में अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है। इससे बचाव और उचित देखभाल के उपाय अपनाकर इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है।