Mahakumbh 2025: प्रयागराज के वायुमंडल में जहां अध्यात्म की सुगन्धि अनुभव की जा रही है वहीं यहां महाकुंभनगर में भक्ति का सौंदर्य दृश्यमान हो रहा है. एक के उपरान्त एक महाकुंभ क्षेत्र में सनातन धर्म के ध्वज वाहक सभी तेरह अखाड़ों का प्रवेश हो रहा है.
तीसरे संन्यासी अखाड़े का प्रवेश
सन्यासियों का तृतीय अखाड़ा श्री शंभू पंच दशनाम अग्नि अखाड़ा – इस अग्नि अखाड़े ने जब छावनी क्षेत्र में अपना शाही प्रवेश किया तो स्थानीय लोगों ने इनके लिए पुष्प वर्षा कर सम्मान और स्वागत का दृश्य प्रस्तुत किया. शहर के बीचों-बीच से निकली इस भव्य छावनी प्रवेश यात्रा ने धर्म का एक रोमांचक दृश्य निर्मित किया.
वैदिक संस्कृति दर्शित हुई प्रवेश यात्रा में
प्रयागराज के महाकुंभनगर में स्थित है अखाड़ा सेक्टर जहां से गुरुवार को तीसरे संन्यासी अखाड़े ने भी प्रवेश किया. छावनी क्षेत्र में प्रवेश के दौरान श्री शंभू पंच अग्नि अखाड़े की भव्यता देखते ही बनती थी. यात्रा का श्रीगणेश हुआ अनंत माधव स्थित अग्नि अखाड़े के स्थानीय मुख्यालय से.
वैदिक मंत्रोच्चार के साथ शंख ध्वनि & डमरू की थाप
भव्य छावनी प्रवेश यात्रा के समय इसमें वैदिक संस्कृति और प्रतीकों की झलक दर्शित हो रही थी. गुंजायमान हो रहे वैदिक मंत्रोच्चार के साथ शंख ध्वनि और डमरू की थाप ने देखने सुनने वालों के लिए वैदिक युग की अनुभूति को सजीव कर दिया था.
हाथी, घोड़े और ऊंट का काफिला
श्री शंभू पंच अग्नि अखाड़े की इस भव्य प्रवेश यात्रा में हाथी, घोड़े और ऊंट का काफिला दिखाई दिया जिन पर सवार संतों के दर्शन के लिए सम्पूर्ण नगरवासी उमड़ पड़े. सोमेश्वरानंद ब्रह्मचारी अग्नि अखाड़े के राष्ट्रीय महामंत्री हैं. ब्रम्हचारी जी ने बताया कि पांच महामंडलेश्वर और आचार्य महामंडलेश्वर के अतिरिक्त प्रवेश यात्रा में अखाड़े के हजारों संत और उनके साथ वेदों का अध्ययन कर रहे विद्यार्थी भी सम्मिलित हुए.
ये थी सबसे लंबी प्रवेश यात्रा
इस सबसे लंबी प्रवेश यात्रा में संतों के दर्शन के लिए सारा प्रयागराज मानो उमड़ पड़ा था. अब तक सम्पन्न हुई सभी अखाड़ों की छावनी प्रवेश यात्राओं में अग्नि अखाड़े की छावनी प्रवेश यात्रा सर्वाधिक लम्बी थी.
भव्य पुष्प-सिंहासन पर सवार संत
प्रयागराज के चौफटका स्थित अनंत माधव मंदिर से प्रारम्भ हो कर छावनी क्षेत्र पहुंची संतों की इस यात्रा ने लगभग 13 किलोमीटर की दूरी तय की. समस्त नगरवासी महा-मंडलेश्वरों के रथों की सवारियों के दर्शन के लिए इतने लालायित थे कि शहर की सड़कें जनभराव से अटीपटी थीं. आधा दर्जन ऊंट, 15 घोड़े, 60 रथों से शोभायमान हो रही ये यात्रा अविस्मरणीय रही. भव्य पुष्प-सिंहासन पर सवार संतों की सवारियों ने सारे क्षेत्र को महका दिया.
अतीक अहमद के आतंक क्षेत्र से गुजरी यात्रा
एक तिहाई मार्ग इस अग्नि अखाड़े की प्रवेश यात्रा का ऐसा था जो प्रयागराज के पश्चिमी क्षेत्र से हो कर गुजरता था. एक समय ऐसा था जब माफिया अतीक अहमद का आतंक तारी था. उस दौरान यहां से हिन्दू शोभा यात्राओं का आयोजन असम्भव था. किन्तु जब कल गुरूवार को यहां से अखाड़े की प्रवेश यात्रा गुजरी तो स्थानीय लोगों ने गुलाब की पंखुड़ियों से पूरे सड़क मार्ग को पाट दिया था.
स्थानीय लोगों ने बताया कि पूज्य संतो की इस भव्य यात्रा के दर्शन का अवसर उनको दशकों बाद हुआ है. यदि योगी का प्रदेश में शासन न होता तो यह पुण्य अवसर इस बार भी इस क्षेत्र के लोगों को उपलब्ध न होता.