भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (BGT) 2024-25 के चौथे टेस्ट में भारतीय टीम को 184 रनों से हार का सामना करना पड़ा। इस दौरान यशस्वी जायसवाल के विकेट पर विवाद हो गया। मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) पर खेले गए इस मुकाबले में भारत को जीत के लिए 340 रनों का लक्ष्य मिला, लेकिन भारतीय टीम 155 रनों पर सिमट गई। इस हार के साथ भारत सीरीज में 1-2 से पिछड़ गया है।
भारतीय पारी के दौरान यशस्वी जायसवाल ने 208 गेंदों पर 84 रन बनाए, जिसमें 8 चौके शामिल थे। वह ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज पैट कमिंस द्वारा विकेटकीपर एलेक्स कैरी के हाथों कैच होकर आउट हुए। हालांकि, यशस्वी का आउट होना विवादास्पद रहा, क्योंकि मैदानी अंपायर ने उन्हें नॉटआउट करार दिया था, लेकिन तीसरे अंपायर शारफुद्दौला (बांग्लादेश) ने ऑस्ट्रेलिया के डीआरएस के बाद इस फैसले को पलट दिया।
रीप्ले में स्निको मीटर पर कोई स्पाइक नजर नहीं आई, लेकिन डिफ्लेक्शन के आधार पर तीसरे अंपायर ने अपना फैसला बदल दिया। इस निर्णय ने कई सवाल उठाए, खासकर तब जब तीसरे अंपायर को पूरी तरह से आश्वस्त नहीं था। सुनील गावस्कर जैसे क्रिकेट के दिग्गज ने इस फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा, “अगर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना है तो इस तरह के फैसले क्यों दिए जाते हैं?”
बीसीसीआई के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला भी इस फैसले से नाराज दिखे और ट्वीट किया, “यशस्वी जायसवाल स्पष्ट रूप से आउट नहीं थे। तीसरे अंपायर को इस बात पर ध्यान देना चाहिए था कि तकनीक क्या संकेत दे रही थी। फील्ड अंपायर के फैसले को पलटने के लिए तीसरे अंपायर के पास ठोस कारण होना चाहिए।”
यह पूरा विवाद भारतीय पारी के 71वें ओवर की पांचवीं गेंद पर हुआ। पैट कमिंस ने गेंद लेग स्टंप के पास फेंकी, जिस पर यशस्वी ने पुल करने की कोशिश की, लेकिन गेंद विकेटकीपर के पास चली गई और कैरी ने उसे डाइव लगाकर पकड़ लिया। कमिंस ने यशस्वी के आउट होने का विश्वास जताया और डीआरएस लिया, जबकि यशस्वी को पूरा यकीन था कि वह नॉटआउट हैं। तीसरे अंपायर के फैसले के बाद यशस्वी मैदान अंपायर से बहस करते भी दिखाई दिए।
अब सीरीज का अंतिम टेस्ट 3 जनवरी से सिडनी में खेला जाएगा, जहां भारतीय टीम को वापसी की उम्मीद होगी।