Who is Anita Anand: नए प्रधानमंत्री की रेस में कनाडा में अनीता आनंद का नाम क्यों सबसे आगे चल रहा है -इसके पीछे एक नहीं अनेक कारण हैं..
2025 में भारत के लिए अंतर्राष्ट्रीय रूप से ये एक बड़ा सरप्राइज़ होगा यदि कनाडा में पीएम की रेस में अनीता आनंद जीत हासिल करती हैं. लिबरल पार्टी की वरिष्ठ सदस्य हैं अनीता आनंद. ट्रूडो सरकार में वो राष्ट्रीय रक्षा मंत्री के रूप में भी जिम्मेदारी निभा चुकी हैं.
Who is Anita Anand: इंडो-कैनेडियन अनीता आनंद एक प्रमुख उम्मीदवार के रूप में उभर कर सामने आई हैं. भारतीय मूल की कनाडाई महिला अनीता यदि कनाडा की पीएम बनती हैं तो भारत और कनाडा के बीच के रिश्तों में सुधार हो सकता है.
Who is Anita Anand: दुनिया भर के हिंदुस्तानी जानना चाहते हैं कि कौन है ये महिला जिसका नाम है अनीता आनंद. कनाडा के प्रधानमंत्री बनने के संभावित उम्मीदवारों में उनका नाम सबसे ऊपर है -इसका कारण भी भारतीय और कनाडा के रहने वाले लोग जानना चाहते हैं.
पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने करीब दस वर्ष के शासन के बाद हाल ही में अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. इतना ही नहीं इसके अलावा उन्होंने अपनी पार्टी के नेता का अपना पद छोड़ने की भी घोषणा कर दी है. ट्रूडो के इस्तीफे के बाद उनके फैसले की सारी दुनिया भर में चर्चा हो रही है.
जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे ने न केवल कनाडा में अपितु भारत में भी एक नई राजनीतिक हल चल बढ़ा दी है. जहां सभी के मन में सवाल है कि कनाडा का अगला पीएम कौन हो सख्त है. वहीं अंदरूनी सूत्र स मानते हैं कि लिबरल पार्टी की वरिष्ठ सदस्य अनीता आनंद ट्रुडो के बाद अगली सबसे बड़ी दावेदार बन कर उभर रही हैं.
यदि अनीता वास्तव में प्रधानमंत्री पद के लिए चुन ली जाती हैं तो कनाडा में वो इस पद पर चुनी जाने वाली पहली अश्वेत महिला और भारतीय मूल की पहली कनाडाई महिला होंगी और राजनीति की दुनिया में एक नया इतिहास बना देंगी.
पीएम रेस में अनीता आनंद का नाम सबसे आगे
वर्तमान में कनाडा सरकार की केबिनेट में अनीता आनंद परिवहन मंत्री और आंतरिक व्यापार मंत्री का पद सम्हाल रही हैं. इसके पूर्व वो कनाडा के राष्ट्रीय रक्षा मंत्री के रूप में भी जिम्मेदारी निभा चुकी हैं. कनाडा की पीएम की रेस में अनीता आनंद का नाम सबसे आगे होने से सर्वाधिक प्रसन्न कनाडा में रहने वाले हिंदुस्तानी हैं जो उनसे देश में हालात को बेहतर करने की आशा कर रहे हैं.
यदि अनीता कनाडा की अगली प्रधानमंत्री बनती हैं तो कनाडा और भारत के बीच बिगड़े रिश्तों में सुधार की संभावनाएं बहुत बढ़ जाएंगी. जो गलती जस्टिन ट्रूडो ने की है जिसके कारण दोनों देशों के बीच के रिश्ते अपने सबसे बुरे दौर में पहुँच गए हैं – वो गलती भी सुधर जायेगी.
अनीता आनंद के बारे में जानिए
अनीता आनंद का जन्म 20 मई 1967 को केंटविले, नोवा स्कोटिया में हुआ. तमिल पिता और पंजाबी माँ की संतान अनीता कनाडा में पली-बढ़ी. उनके पिता एसवी आनंद एक डॉक्टर थे और माँ एक एनास्तेसियोलॉजिस्ट हुआ करती थीं. अनीता के माता-पिता 1960 के दशक में भारत से कनाडा चले गए थे.
कनाडा में अनीता आनंद ने डलहौजी यूनिवर्सिटी से लॉ की मानद उपाधि प्राप्त की और क्वींस यूनिवर्सिटी से बैचलर ऑफ आर्ट्स की डिग्री ली है. इसके बाद ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से उन्होंने मास्टर्स डिग्री हासिल की.
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रही हैं कानून की प्रोफेसर
अनीता को जानने वाले बताते हैं कि पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने प्रशासन और कानून में भी विशेष ध्यान दिया. करियर के शुरआती दौर में अनीता आनंद ने एक प्रोफेसर और वकील के रूप में अपनी पहचान बनाई. टोरंटो विश्वविद्यालय में उनको कानून की प्रोफेसर के रूप में जाना जाता है.
अनीता का परिवार
अपने व्यक्तिगत जीवन में भी अनीता आनंद उतनी ही समर्पित हैं जितना राजनीति में. उनका परिचय जॉन से हुआ और धीरे-धीरे उनके बीच प्यार पनपा. फिर दोनों ने शादी का निर्णय लिया. जॉन एक प्रोफेसर हैं. अनीता-जॉन के चार बच्चे भी हैं.
अनीता आनंद का राजनीतिक प्रभाव
छह साल पहले अनीता आनंद जस्टिन ट्रूडो की लिबरल पार्टी में शामिल हुईं और 2019 में उन्होंने ओकविले से सांसद का चुनाव जीता. इसके बाद वो ट्रुडो की सरकार में शामिल हो गईं. इस समय वो कनाडा की लिबरल पार्टी की वरिष्ठ सदस्य के रूप में जानी जाती हैं. आज की तारीख में अनीता कनाडा की राजनीति में एक प्रभावशाली हस्ती बन चुकी हैं. ट्रुडो के जाने के बाद अब केबिनेट की सीनियर सदस्य के तौर पर उनके सर पर सज सकता है ताज कनाडा के प्रधानमंत्री का.
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