डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से अमेरिका ने अवैध प्रवासियों को लेकर कड़े कदम उठाए हैं। उनके प्रशासन ने अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे प्रवासियों की पहचान कर उन्हें उनके देशों में वापस भेजने की प्रक्रिया तेज़ कर दी है। हाल ही में खबरें आ रही हैं कि अमेरिका से 205 अवैध भारतीय प्रवासी भारतीय मिलिट्री प्लेन से वापस भेजे जा रहे हैं।
अवैध प्रवासियों का पहला जत्था
सूत्रों के मुताबिक, अमेरिकी सेना का C-147 प्लेन सैन एंटोनियो से उड़ान भर चुका है और इसे लगभग छह घंटे का समय लग सकता है। इस प्लेन में 205 भारतीय नागरिक हैं, जिन्हें अवैध रूप से अमेरिका में रहने के कारण वापस भेजा जा रहा है। यह जत्था संभवतः अमृतसर में लैंड कर सकता है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। प्लेन को रिफ्यूलिंग के लिए जर्मनी में भी कुछ समय के लिए रुकने का अनुमान है।
ट्रंप प्रशासन की सख्त नीति
ट्रंप प्रशासन ने अवैध प्रवासियों को वापस भेजने के लिए एक बड़े डिपोर्टेशन प्रोग्राम की शुरुआत की है। इससे पहले ग्वाटेमाला, पेरू और होंडुरास जैसे देशों के अवैध प्रवासियों को भी उनके मुल्क वापस भेजा जा चुका है। पेंटागन ने अब तक टेक्सास और कैलिफोर्निया के विभिन्न हिरासत केंद्रों से 5000 से ज्यादा अवैध अप्रवासियों को उनके देशों में भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
अमेरिकी में अवैध भारतीय प्रवासियों की संख्या
प्यू रिसर्च सेंटर के अनुसार, अमेरिका में लगभग 7.25 लाख अवैध भारतीय प्रवासी रह रहे हैं, जो अवैध प्रवासियों की तीसरी सबसे बड़ी संख्या है। इससे पहले मेक्सिको और अल सल्वाडोर का नंबर आता है। भारत सरकार ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि वह अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे भारतीय नागरिकों को वापस लेने के लिए तैयार है।
भारत और अमेरिका के बीच सहयोग
हाल ही में अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की थी और अवैध प्रवासियों के मसले को हल करने के लिए सहयोग बढ़ाने की इच्छा जताई थी। भारत ने भी इस मुद्दे पर सकारात्मक रुख अपनाया है और यह जांचने की प्रक्रिया शुरू की है कि अमेरिका में कितने भारतीय अवैध रूप से रह रहे हैं और उन्हें वापस भेजा जा सकता है या नहीं।
अमेरिका में अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त कदम
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने राष्ट्रपति बनने के बाद से अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। उनका यह डिपोर्टेशन प्रोग्राम अमेरिकी इतिहास का सबसे बड़ा प्रोग्राम माना जा रहा है। इस प्रोग्राम के तहत, अमेरिका में अवैध रूप से रहने वाले प्रवासियों की पहचान कर उन्हें उनके देशों में भेजा जा रहा है, ताकि अमेरिकी सीमा को सुरक्षित किया जा सके और अवैध प्रवासन पर काबू पाया जा सके।
भारत के लिए क्या मायने रखता है यह कदम?
भारत के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि यह अमेरिका के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने का एक अवसर भी है। अवैध प्रवासी भारतीयों की वापसी से संबंधित मुद्दे पर भारत सरकार ने हमेशा अपनी तैयारियों का संकेत दिया है। भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी इस विषय पर कहा था कि भारत अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीयों की स्थिति पर नजर रखे हुए है और इसे हल करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
इस कदम के जरिए भारत और अमेरिका के बीच सहयोग बढ़ने की संभावना जताई जा रही है, खासकर प्रवासियों के मुद्दे पर। इसके अलावा, यह भारत में रहने वाले अवैध प्रवासियों के लिए एक चेतावनी भी हो सकती है कि वे अपनी स्थिति सुधारें और कानूनी रास्ते से प्रवासन को प्राथमिकता दें।
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डोनाल्ड ट्रंप का अवैध प्रवासियों को डिपोर्ट करने का कार्यक्रम अमेरिका में रहने वाले अवैध भारतीयों के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है। हालांकि, भारत सरकार ने इसे सकारात्मक तरीके से लिया है और इस प्रक्रिया में अमेरिका के साथ सहयोग बढ़ाने की दिशा में कदम उठाए हैं। यह कदम दोनों देशों के बीच संबंधों को नई दिशा दे सकता है, खासकर जब बात अवैध प्रवासियों की हो।