नरेंद्र दामोदर दास मोदी ने कल यानि 9 जून को देश के प्रधानमंत्री के रूप में लगातार तीसरी बार पीएम पद की शपथ ली। पीएम मोदी के साथ 71 सांसदों ने भी मंत्री पद की शपथ ली। ये मोदी सरकार में अभी तक का सबसे बड़ा मंत्रिमंडल है। बता दें कि 2014 में मोदी कैबिनेट में 46 सांसदों को मंत्री पद दिया गया था। उस समय पीएम मोदी पहली बार प्रधानमंत्री बने थे फिर 2019 में उनके मंत्रिमंडल में 59 मंत्रियों को शपथ दी गई थी। इस बार 30 सांसदों को कैबिनेट में जगह मिली है और 36 सांसदों को राज्य मंत्री बनाया गया है। वहीं, 5 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सौंपा गया है।
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पीएम के शपथ लेने के बाद से कांग्रेस भी एक्शन मोड में है। आज यानि सोमवार को कांग्रेस ने अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस ने आज दिल्ली के मुख्यालय में ब्रिफिंग दी। जिसमें कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भाजपा पर कई आरोप लगाए।
कांग्रेस ने बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय पर यौन शोषण का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने कहा, बीजेपी नेता और उनके फेक न्यूज सेल के सरगना अमित मालवीय पर RSS के एक नेता ने यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाये हैं। संघ परिवार के नेता शांतनु सिन्हा के आरोप से ना सिर्फ़ BJP में बल्कि पश्चिम बंगाल समेत पूरे देश में भूचाल आ गया है।
अमित मालवीय की दरिंदगी को बेनक़ाब करने वाले शान्तनु सिन्हा पश्चिम बंगाल के BJP नेता राहुल सिन्हा के भाई हैं। शान्तनु सिन्हा एबीवीपी के सदस्य रह चुके हैं और वर्तमान में हिंदू संघ के प्रमुख हैं।
क्या बोले शान्तनु सिन्हा
- RSS के शान्तनु सिन्हा ने कहा है कि BJP IT Cell के प्रमुख अमित मालवीय बंगाल में महिलाओं का यौन शोषण करते हैं।
- शान्तनु सिन्हा का कहना है कि बंगाल के नेताओं में होड़ लगी हुई है कि इस दरिंदे को औरतों की आपूर्ति कौन करेगा।
- अमित मालवीय पर न केवल बंगाल के पाँच सितारा होटलों में बल्कि भाजपा के कार्यालय तक में महिलाओं का यौन शोषण करने का आरोप लगा है।
BJP की IT सेल है या दरिंदों का जमावड़ा?
कांग्रेस ने कहा, आपको याद होगा कैसे IIT BHU में जो गैंग रेप के आरोपी हैं – सक्षम पटेल, कुणाल पांडेय, आनंद चौहान – जिनकी BJP के बड़े बड़े नेताओं जिनमें नरेंद्र मोदी तक हैं उनके साथ तस्वीरें और अच्छे संबंध है – वो सब BJP की IT सेल के संयोजक, सह संयोजक और सदस्य हैं।
बीजेपी आईटी सेल के पदाधिकारी ध्रुव सक्सेना को मध्य प्रदेश के आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ़्तार किया था।
बीजेपी का महिला विरोधी चेहरा तो पहले भी सामने आ चुका है। हाथरस से ले कर उन्नाव, लखीमपुर, उत्तराखंड की अंकिता भंडारी, गुजरात की बिल्किस बानो, आईआईटी BHU के दरिंदे और इस देश की सबसे होनहार बेटियों के साथ बदसलूकी ख़ुद BJP के नेताओं ने ही की है।
इतने गंभीर आरोपों के बाद भी अभी तक BJP की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है, ना ही इस मामले का संज्ञान लिया गया है। यह सुई टपक सन्नाटा वाली चुप्पी अपने आप में बहुत सारे सवाल खड़ी करती है।
क्या हर बार की तरह इस बार भी बीजेपी और मोदी आरोपी को संरक्षण देंगे ?
कांग्रेस ने कहा- ‘एक बार फिर से इतने गंभीर यौन शोषण के आरोप बीजेपी और संघ के ही अंदर से एक ऐसे व्यक्ति पर लगे हैं जो बीजेपी के प्रचार प्रसार का मुखिया बना बैठा है। यह वही आदमी है जिसने राजनीतिक प्रतिद्वंदियों के ख़िलाफ बेशर्मी से झूठ और फेक न्यूज फैलायी, जो विरोधियों के ख़िलाफ़ षड्यंत्र रचने में बड़ी भूमिका निभाता है। यौन शोषण का आरोपी अमित मालवीय वही आदमी है जिसने संदेशखाली जैसे संवेदनशील मुद्दे पर झूठ प्रचारित किया, जिसने हाथरस में पीड़िता का चरित्र हनन किया। यह वही व्यक्ति है जो पहले सोशल मीडिया पर खुलेआम पॉर्न की बातें करता था, यह वही व्यक्ति है जिसने राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को ग़लीच और घिनौना बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
इस दरिंदे ने तमाम मर्यादाओं को लांघते हुये देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित नेहरू की अपनी बहन और भतीजियों के साथ की तस्वीरों के बारे में दो कौड़ी का भ्रम फैलाया। इस दुष्कर्मी ने राहुल गांधी के तमाम भाषणों को काट छाट कर उनकी छवि को धूमिल करने का दुस्साहस किया, सोनिया जी के ख़िलाफ़ दुष्प्रचार किया, विपक्ष के ख़िलाफ़ मनगढ़ंत झूठ फैलाया। इस आदमी ने राजनीतिक शुचिता और मर्यादाओं को लांघने में कोई कसर नहीं छोड़ी। दुष्कर्मी अमित मालवीय ने BJP की IT सेल को एक फेक न्यूज़ फैक्ट्री बना डाला – और इसके बावजूद कांग्रेस के बब्बर शेर और शेरनियों से हार गया।’
विपक्ष की मांग
- हमारी मांग है कि RSS के एक वरिष्ठ पदाधिकारी द्वारा अमित मालवीय पर लगाये यौन शोषण के आरोपों की निष्पक्ष जाँच हो जिससे कि सच सामने आ सके। बीजेपी इस बात का भी जवाब दे कि कोई भी महिला विरोधी व्यक्ति जिस पर यौन शोषण जैसे संगीन आरोप लगे हैं, क्या वो सत्तारूढ़ दल के इतने महत्वपूर्ण पद पर कैसे रह सकता है ?
- क्या राष्ट्रीय महिला आयोग हर बार की तरह इस बार भी चुप रहेगा या मामले का स्वतः संज्ञान लेकर सत्ता की गोद में बैठे यौन शोषण के इस आरोपी को सलाख़ों के पीछे भेजकर बेटियों की अस्मिता के साथ खड़ा होगा ?
- क्या नई महिला बाल विकास मंत्री भी पुरानी वाली कि तरह ही आँखों पर पट्टी बांध कर मौन व्रत ले लेंगी, या कल ग्रहण की संविधान की शपथ को याद रखते हुये महिलाओं की सुरक्षा के लिए कठोर कदम उठायेंगी।
- हम मांग करते हैं कि यौन शोषण जैसे गंभीर मामलों के आरोपी अमित मालवीय पर कठोर से कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। तमाम आरोपों की निष्पक्ष जांच और अपराध की सजा तभी संभव है जब बीजेपी ऐसे व्यक्ति को प्रचार प्रसार के प्रमुख पद से हटाए और राजनीतिक संरक्षण देने की बजाय बेटियों के साथ खड़ी होकर इस दरिंदे को सजा दिलाने की पहल करे। अब इस व्यक्ति को सत्तारूढ़ दल के किसी पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।