यूपी पुलिस का आधिकारिक लेटर वायरल हो रहा है जिसमें आउटसोर्सिंग से भर्ती करने के बारे में बताया गया है। इस लेटर में सभी पुलिस कमिश्नर, एडीजी जोन को निर्देशित किया गया है कि पुलिस विभाग के पद आउटसोर्सिंग से भरे जाएंगे। जैसे ही यह लेटर सामने आया, विवाद होने लगा। लोगों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। लोगों के विरोध को देखते हुए यूपी पुलिस ने सफाई दिया है।
यूपी पुलिस ने एक बयान जारी कर कहा कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की आउटसोर्सिंग की व्यवस्था पूर्व से प्रचलित है। त्रुटिवश चतुर्थ कर्मचारियों के स्थान पर मिनिस्टीरियल स्टॉफ के लिए जारी पत्र को निरस्त कर दिया गया है। इस प्रकार का कोई भी प्रकरण पुलिस विभाग एवं शासन स्तर पर विचाराधीन नही है। उन्होंने बताया कि ऐसा कोई प्रस्ताव पुलिस विभाग के विचाराधीन नहीं है।
https://twitter.com/Uppolice/status/1800964537035673628
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे पत्र में लिखा है कि अवगत कराना है कि पुलिस विभाग के कार्यों में हो रही उत्तरोत्तर वृद्धि को देखते हुए लिपिकीय संवर्ग में स्वीकृत पदों के अतिरिक्त वर्तमान में विभाग की तात्कालिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सहायक उप निरीक्षक (लिपिक), सहायक उप निरीक्षक (लेखा) और उप निरीक्षक (गोपनीय) के पदों पर आउटसोर्सिंग के माध्यम से सेवाएं लिए जाने पर विचार करना प्रस्तावित है।” इसी लेटर में आगे कहा गया है कि आउटसोर्सिंग के माध्यम से सेवाएं लिए जाने के संबंध में अपने विचार इस मुख्यालय को एक सप्ताह के भीतर उपलब्ध कराने की कृपा करें, जिससे यूपी शासन को अवगत कराया जा सके।
चुनाव के दौरान अखिलेश यादव ने उठाया था यह मुद्दा
यूपी के पूर्व सीएम और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लोकसभा के चुनावी सभा में इस मुद्दे को उठाया था। उन्होंने कहा था कि अग्निवीर कि तरह यूपी पुलिस भी तीन साल के लिए भर्ती लेन वाली है। आपको बताते चले कि देश भर में अग्निवीर योजना का विरोध हो रहा है। बीजेपी कि सहयोगी पार्टी जेडीयू ने भी अग्निवीर योजना की समीक्षा की बात कही है।