साल था 1992 और शहर अजमेर.. 100 से ज्यादा स्कूल और कॉलेज की छात्राओं के गैंगरेप और ब्लैकमेलिंग का मामला सामने आया। ये देश का सबसे बड़ा सेक्स स्कैंडल है जिसने देश को हिलाकर रख दिया था।
मामले के बाकी बचे 6 आरोपियों को मंगलवार यानि आज स्पेशल पॉक्सो कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
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बता दें कि गैंगरेप और ब्लैकमेलिंग के 18 आरोपी थे जिसमें 32 साल बाद आज बाकी बचे छह आरोपियों को सजा सुनाई गई। अजमेर, जो कि पूरी दुनिया में भगवान ब्रह्मा जी के पवित्र स्थल पुष्कर और सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के लिए फेमस है। जिसके कारण जिसके कारण अजमेर को गंगा- जमुनी संस्कृति के रूप में आज भी माना जाता है। लेकिन 1992 के दरमियान कुछ ऐसा हुआ जिसने गंगा-जमुनी संस्कृति पर कलंक लगा दिया।
उस दौरान एक अखबार में छपी खबर ने तहलका मचा दिया था। अखबार में छपी खबर के में कई स्कूली छात्राओं की नग्न फोटो क्लिक करके ब्लैकमेल करते हुए उनका यौन शौषण किए जाने का पर्दाफाश किया गया था। जिसने लोगों को झकझोर कर रख दिया था।
जैसे ही खबर सामने आई तो नेता, पुलिस, प्रशासन, और सरकार सब के सब सहम गए थे। पुलिस जोरों से अपने काम पर लग गई। दिन रात छानबीन का दौर चला। पूछताछ में कई बड़े खुलासे हुए। जिसमें पाया गरया कि गिरोह में अजमेर के सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के खुद्दाम-ए-ख्वाजा परिवारों के कई युवा रईसजादे शामिल थे।