उत्तर प्रदेश सरकार ने अग्निवीरों के भविष्य को लेकर एक बड़ा फैसला लेते हुए उन्हें राज्य पुलिस और पीएसी (प्रांतीय सशस्त्र बल) की भर्तियों में 20 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई।
देश में सबसे अधिक आरक्षण देने वाला राज्य बना यूपी
अब तक देश में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों जैसे CISF और BSF में पूर्व अग्निवीरों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जाता रहा है। वहीं, ओडिशा और हरियाणा जैसे राज्यों ने भी पुलिस भर्तियों में 10 प्रतिशत आरक्षण लागू किया है। लेकिन उत्तर प्रदेश ने 20 प्रतिशत आरक्षण देकर एक मिसाल कायम की है, जो कि देश में अब तक सबसे अधिक है।
आयु सीमा में मिलेगी छूट
आरक्षण के साथ-साथ योगी सरकार ने पूर्व अग्निवीरों को एक और राहत दी है। उन्हें पुलिस भर्ती में अधिकतम आयु सीमा में तीन वर्षों की छूट दी जाएगी। इससे वे उम्मीदवार जो चार साल की अग्निवीर सेवा पूरी कर चुके हैं, उन्हें भी भर्ती प्रक्रिया में मौका मिलेगा।
सभी सीधी भर्तियों पर लागू होगा आरक्षण
राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह आरक्षण नीति यूपी पुलिस और पीएसी की सभी सीधी भर्तियों में लागू होगी। इसका सीधा लाभ उन युवाओं को मिलेगा जिन्होंने भारतीय सेना में अग्निपथ योजना के तहत सेवा दी है और अब अपने राज्य में सेवा देने की इच्छा रखते हैं।
राज्य के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने जानकारी देते हुए कहा, “प्रदेश सरकार सेना से लौटे अग्निवीरों को सम्मान और अवसर दोनों देना चाहती है। पुलिस बल में यह आरक्षण उनके अनुभव और देश सेवा की भावना को आगे बढ़ाने का जरिया बनेगा।”

युवाओं के लिए नया अवसर
इस फैसले को युवाओं के लिए एक सुनहरा अवसर माना जा रहा है। सैन्य अनुशासन और प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके पूर्व अग्निवीर पुलिस बल में अनुशासन, समर्पण और दक्षता की मिसाल पेश कर सकते हैं। साथ ही इससे राज्य पुलिस की कार्यक्षमता में भी सकारात्मक बदलाव आने की उम्मीद है।
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उत्तर प्रदेश सरकार का यह फैसला न केवल अग्निपथ योजना से जुड़े युवाओं को एक नया भविष्य देगा, बल्कि समाज में सेना से लौटे जवानों के सम्मान को भी बढ़ाएगा। यह नीति अन्य राज्यों के लिए भी एक प्रेरणा बन सकती है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी सेवा का समाज में पुनः सम्मानजनक समावेश हो सके।