उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने धार्मिक नगरी अयोध्या की पवित्रता को बनाए रखने की दिशा में एक बड़ा और निर्णायक कदम उठाया है। सरकार ने रामपथ, भक्तिपथ, धर्मपथ, 14 कोसी और पंचकोसी परिक्रमा मार्ग पर मांस-मछली (नॉनवेज) की बिक्री पूरी तरह से प्रतिबंधित करने का फैसला किया है। यह निर्णय श्रद्धालुओं की आस्था और धार्मिक भावनाओं के सम्मान में लिया गया है।
मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद नगर निगम और खाद्य सुरक्षा विभाग की टीमें सक्रिय हो गई हैं। बुधवार को सहायक खाद्य आयुक्त मानिक चंद सिंह ने अपनी टीम के साथ पवित्र स्थलों का निरीक्षण किया। निरीक्षण की शुरुआत अयोध्या कैंट के सहादतगंज से लेकर लता मंगेशकर चौक तक लगभग 13 किलोमीटर लंबे रामपथ से की गई। इस दौरान मांस-मछली बेचने वाले दुकानदारों को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि वे अपनी दुकानें सात दिनों के भीतर बंद कर दें।
सहायक आयुक्त ने बताया कि दुकानदारों को मानवीय दृष्टिकोण से यह समय दिया गया है ताकि वे अपना बचा हुआ सामान समाप्त कर सकें। यदि निर्धारित समयसीमा में दुकानें बंद नहीं की गईं, तो नगर निगम की प्रवर्तन टीम द्वारा सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस फैसले के पीछे मुख्य कारण अयोध्या के श्रद्धेय स्थलों की पवित्रता को बनाए रखना है। मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल और जनता दरबार में लगातार इस बात की शिकायतें आ रही थीं कि धार्मिक मार्गों के आसपास नॉनवेज बेचा जा रहा है। इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी के नेतृत्व में नगर निगम ने इस पर रोक लगाने का प्रस्ताव पारित किया।
राम मंदिर परिसर में हाल ही में प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हुई है, और अब नियमित पूजन-अर्चन की व्यवस्था शुरू हो रही है। हालांकि, आम श्रद्धालुओं के लिए दर्शन की तिथि अभी तय नहीं हुई है क्योंकि मंदिर परिसर में कुछ निर्माण कार्य शेष हैं। राम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि निर्माण कार्य पूर्ण होते ही मंदिर को आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा।
फिलहाल, सीमित संख्या में श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति दी जा रही है। प्रत्येक घंटे केवल 50 लोगों को दर्शन की अनुमति मिलेगी और एक दिन में अधिकतम 800 श्रद्धालु राम दरबार के दर्शन कर सकेंगे। मंदिर के शिखर पर स्वर्ण जड़ित कलश और ध्वज स्थापित किए जा चुके हैं, जिससे मंदिर की भव्यता और भी बढ़ गई है।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कई बार सार्वजनिक मंचों से यह स्पष्ट कर चुके हैं कि अयोध्या की धार्मिक गरिमा को बनाए रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। मांस-मछली की बिक्री पर प्रतिबंध उसी दिशा में उठाया गया एक सशक्त कदम माना जा रहा है। प्रशासन की निगरानी लगातार जारी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अयोध्या की धार्मिक मर्यादा अक्षुण्ण बनी रहे।