उत्तर प्रदेश के बहराइच में कुछ दिनों से भड़की हिंसा रूकने का नाम ही नहीं ले रही है। बता दें कि बहराइच में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के शोभा यात्रा के दौरान हिंसा शुरू हुई थी जो आए दिन बढ़ती जा रही है।
सोमवार को कई उपद्रवियों ने दुकानों, अस्पताल और शोरूम सहित कई घरों में आगजनी कर दी। घटना के बाद भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात की गई है। लेकिन उसके बाद भी उपद्रवियों को ना पुलिस का डर था ना प्रशासन का।
ताजा अपडेट के अनुसार, अब तक 30 लोगों को हिरासत में लिया गया है। हिंसा में घायल एक युवक की मौत के बाद लोगों ने सड़क पर शव रखकर भारी प्रदर्शन किया।
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बताया जा रहा है कि उपद्रवियों ने नकवा गांव में देर रात धार्मिक स्थल पर तोड़फोड़ की और आगजनी की कोशिश भी की। घटना के बाद अब पुलिस-प्रशासन पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। पूरे मामले में पुलिस का खुफिया तंत्र फेल रहा। एडीजी जोन से लेकर आईजी और एसपी सवालों के घेरे में फंस गए हैं।
क्या था पूरा मामला?
बहराइच में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन की शोभा यात्रा के दौरान हिंसा शुरू हुई जो दिनोंदिन बढ़ती गई। डीजे के साथ शोभायात्रा निकाली जा रही थी तभी कुछ उपद्रवियों ने हिंसा को हवा दे दी। पुलिस बल भी नाकाम रही। उपद्रवियों के मन में जो आया उन्होंने वो किया। भीड़ में से एक शख्स गोपाल को खींच कर ले गए, उसके साथ मारपीट की और बर्बरता की और मौत । यहां तक कि उसे बचाने के लिए पुलिस भी नहीं आई।