भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश के कैसरगंज लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद बृजभूषण सिंह का टिकट काट कर उसके बेटे करण भूषण सिंह को उम्मीदवार बनाया है। बीजेपी इसबार यूपी में 75 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। इसमें से केवल दो सीट ऐसी है जिसपर अबतक प्रत्याशियों का एलान नहीं किया गया था। इसमें केसरगंज के अलावा हाई-प्रोफाइल सीट रायबरेली शामिल था। रायबरेली से दिनेश प्रताप सिंह को बीजेपी ने उम्मीदवार बनाया है।
कौन है करण भूषण सिंह?
करण भूषण सिंह ने ऑस्ट्रेलिया से बिजनेस मैनेजमेंट की पढाई की है। वे डबल ट्रैप शूटिंग के नेशनल खिलाडी रह चुके हैं। अभी वह उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ के अध्यक्ष हैं। वह 3 मई को नामांकन कर सकते हैं।
कैसरगंज के मौजूदा सांसद बृजभूषण सिंह भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष रह चुके हैं। इस दौरान उन पर महिला पहलवानों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा। आरोप लगाने वालों में ओलम्पिक पदक विजेता का नाम भी शामिल रहा। इस करण बीजेपी इस बार बृजभूषण सिंह को टिकट नहीं देना चाह रही। उसके बदले उसके छोटे बेटे करण सिंह को टिकट मिल सकता है। आपको बताते चलें करण सिंह के बड़े भाई प्रतिक भूषण अभी बीजेपी से ही विधायक हैं।
बृजभूषण सिंह सपा से भी रह चुके हैं सांसद
बृजभूषण शरण सिंह अबतक कुल छह बार लोकसभा का सांसद बन चुके हैं। वे दो बार गोंडा, एक बार बहराइच और कैसरगंज से तीन बार सांसद बन चुके हैं। वह सपा के टिकट पर भी लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं। कैसरगंज से जब वह पहली बार चुनाव जीते थें तो वे सपा के टिकट पर ही लड़े थें। 2008 में अविश्वास प्रस्ताव पर उन्होंने क्रॉस वोटिंग की थी जिसके कारण बीजेपी ने पार्टी से निलंबित कर दिया था।
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उसके बाद वो 2009 में सपा के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ कर लोकसभा पहुंचे। 2014 लोकसभा चुनाव से पहले वे बीजेपी में शामिल हुए। बीजेपी ने उन्हें 2014 और 2019 लोकसभा चुनाव में कैसरगंज से उम्मीदवार बनाया और वे दोनों बार जीतकर लोकसभा का सदस्य बनें।