मणिपुर की राजधानी इम्फाल इस हफ्ते दहशत के साये में घिर गई। एक तरफ अनाथालय पर गोलियां बरसाई गईं, तो दूसरी ओर एक वरिष्ठ डॉक्टर के घर पर लाइव ग्रेनेड फेंका गया। वहीं, प्रतिबंधित आतंकी संगठन KCP-MC (प्रोग्रेसिव) ने मणिपुर के पारंपरिक त्योहार थाबल चोंगबा पर बम धमाकों की धमकी दे डाली है।
एक ओर इम्फाल घाटी में लगातार बढ़ रही अराजकता है, तो दूसरी ओर पहाड़ी इलाकों में जनजातीय संघर्ष उफान पर है। राज्य धीरे-धीरे आतंक के गहरे अंधेरे में डूबता जा रहा है।
RIMS निदेशक के घर पर ग्रेनेड हमला
गुरुवार सुबह करीब 6:30 बजे, इम्फाल ईस्ट के ब्रमापुर रुरु अरिबाम लाइकाई में रीजनल इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (RIMS) के निदेशक डॉ. गुरु अरिबाम सुनीलकुमार शर्मा के आवास पर एक हाथ से चलाया जाने वाला ग्रेनेड बरामद हुआ।
ग्रेनेड का सेफ्टी पिन हटा हुआ था, जिससे यह स्पष्ट है कि यह जानबूझकर धमाके की नीयत से फेंका गया था। पुलिस और बम निरोधक दस्ते ने तत्परता से मौके पर पहुंचकर ग्रेनेड को निष्क्रिय किया और नोंगमाइचिंग पहाड़ियों में ले जाकर सुरक्षित रूप से विस्फोट कराया।
हालांकि अभी तक किसी भी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। रक्षा मामलों के विश्लेषक मेजर (सेवानिवृत्त) दिग्विजय सिंह रावत ने कहा,
“इम्फाल में डॉक्टर और खासकर RIMS जैसे संस्थानों के प्रमुख आतंकियों के निशाने पर रहते हैं। इन पर सुरक्षा देना अब प्राथमिकता होनी चाहिए।”
अनाथालय पर हमला: बच्चों पर मंडराया खतरा
बुधवार तड़के 1:30 बजे, इम्फाल वेस्ट के सगोलबंद मैनो लाइराक स्थित चिल्ड्रन होम फॉर बॉयज़ पर दो नकाबपोश हमलावरों ने 7 से 8 राउंड फायरिंग की। यह केंद्र राज भवन से महज 3–5 किलोमीटर दूर है।
गनीमत रही कि सभी 30 बच्चे, जिनमें से छह मणिपुर की जातीय हिंसा से विस्थापित परिवारों से थे, उस समय सो रहे थे और कोई घायल नहीं हुआ। ये संस्था मिशन वात्सल्य योजना के तहत राज्य समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित है।
CCTV फुटेज में हमलावरों को फायरिंग करते और फिर भागते देखा गया। पुलिस को शक है कि यह जबरन वसूली (Extortion) की कोशिश थी। बीते 24 घंटों में इम्फाल वेस्ट, इम्फाल ईस्ट और कांगपोकपी जिलों से तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें दो उग्रवादी बताए जा रहे हैं।
स्थानीय लोगों ने हमले के विरोध में धरना प्रदर्शन किया और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की।
KCP-MC की धमकी: थाबल चोंगबा पर प्रतिबंध
इस बीच, प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन Kangleipak Communist Party (KCP-MC Progressive) ने एक बयान जारी कर मेइती समुदाय के पारंपरिक त्योहार “थाबल चोंगबा” पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा कर दी।
संगठन ने चेतावनी दी है कि अगर यह नृत्य आयोजन हुआ तो बम धमाके किए जाएंगे। यह त्योहार होली के साथ मनाया जाता है और समाज में सांस्कृतिक एकजुटता का प्रतीक माना जाता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह प्रतिबंध एक ओर सामाजिक नियंत्रण और मॉरल पुलिसिंग का हिस्सा हो सकता है, वहीं दूसरी ओर, यह आतंकी संगठन की दहशत और प्रभाव बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा भी हो सकता है।
पहाड़ियों में अशांति, घाटी में डर का माहौल
वहीं दूसरी ओर, कुकी इनपी के प्रवक्ता किम हाओकिप ने दिल्ली से “X” पर पोस्ट कर मेइती उग्रवादी संगठनों, विशेष रूप से UNLF-P, पर कुकी समुदाय की संपत्तियों पर कब्ज़ा करने का आरोप लगाया है।
हाओकिप ने लिखा,
“स्थानीय और बाहरी व्यापारी अब आतंक के बीच जी रहे हैं, जैसे बंधक बना दिए गए हों।”
राज्य की प्रशासनिक नाकामी और कमजोर होती कानून व्यवस्था के बीच 80 से अधिक फिरौती के मामले बीते चार महीनों में दर्ज किए गए हैं।
क्या मणिपुर को फिर से जोड़ा जा सकेगा?
ग्रेनेड हमला, अनाथालय पर गोलीबारी और सांस्कृतिक त्योहार पर प्रतिबंध – ये घटनाएं मणिपुर में अराजकता की भयावह गहराई को उजागर करती हैं।
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अब सवाल यह है कि क्या मणिपुर को शांति और सौहार्द के रास्ते पर दोबारा लाया जा सकेगा, या फिर यह सिर्फ एक और भयावह अध्याय की शुरुआत है?