कई लोगों में होती है दांत से नाख़ून चबाने की आदत मानो उनके पास खाने को और कुछ नहीं है..भूख से ज्यादा यह आपकी असभ्यता को दर्शाता है चाहे कितना भी पढ़े-लिखे क्यों न हों आप !
एक आम आदत है जो सबमे नहीं होती पर कुछ लोगों में होती है और ये आदत एक तरफ तो आपकी असभ्य होने की पहचान पेश करती है दूसरी बात ये कि देखने वालों को बहुत इर्रिटेड भी करती है आपकी ये आदत.
ये तो सामाजिक पहलु है इस गंदी आदत का लेकिन स्वास्थ्य की दृष्टि से भी ये बहुत नुकसानदेह है. न केवल पेट में कीटाणुओं के प्रवेश का मौक़ा बनती है बल्कि आपके दांतों के स्वास्थ्य पर भी काफी असर डाल सकती है.
कुछ मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि नाखून चबाना तनाव से राहत पाने का जरिया भी हो सकता है उन लोगों के लिए जो अनपढ़ हैं सभ्यता की कक्षा के अनपढ़ अर्थात असभ्य हैं. कहा जाता है कि बोरियत से बचने के लिए भी कभी कभी ये आदत लग जाती है. पर ये तो सच है कि इससे आपके मौखिक स्वास्थ्य पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं.
नाखून चबाने से कई चिंताएं पैदा होती हैं जो बताती हैं कि कई तरह से ये बुरी आदत आप पर बुरा प्रभाव डाल सकती है. इन मुख्य चिंताओं में से एक है इनेमल को नुकसान पहुंचने की आशंका. इनेमल आपके दांतों को सड़न और क्षति से बचाने वाली कठोर बाहरी परत होती है.
जब आप कई बार और लगातार दाँतों से अपने नाखून काटते हैं, तो उस समय अनजाने में आप अपने दांतों पर अत्यधिक घर्षण करते हैं और दबाव डालते हैं. इससे धीरे धीरे आपके दांतों का इनेमल खराब हो जाता है. उसके बाद दांतों की संवेदनशीलता खत्म हो जाती है, कैविटी हो जाती है और दूसरी दंत समस्याओं का संकट पैदा हो सकता है.
दांतों से नाख़ून खाने की आदत इनेमल को नुकसान पहुंचाने के अतिरिक्त भी कई तरह से आपकी सेहत की दुश्मन होती है. नाखून चबाने की प्रक्रिया आपके नाखूनों से हानिकारक बैक्टीरिया आपके मुंह में चले जाते हैं और उस कारण आप संक्रमण और दूसरी मौखिक स्वास्थ्य समस्याओं के शिकार हो सकते हैं.`
इन बुरे परिणामों से खुद को बचाने के लिए आपको अच्छी आदतें डालने और बुरी आदतें कूड़े में डालने की जरूरत है. नाखून चबाने की आदत को छोड़ देना जरूरी है क्योंकि ये आपके नाखूनों के लिए फायदेमंद होगा साथ ही आपके दांतों के स्वास्थ्य को बनाए रखना आपके लिए मजबूरी भी है.