Climate Change : मौसम विज्ञान के अनुसार अभी तक का सबसे गर्मी वाला वर्ष था 2024. उनके आंकड़ों में इतनी गर्मी वाला साल पहले कभी नहीं आया. विभाग ने बताया कि इन तीन सौ पैंसठ दिनों में औसतन 41 दिन अधिक भीषण गर्मी पड़ी है.
Climate Change: मौसम विभाग ने धरती के मौसम को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है जिसमे इस बात का खुलासा किया गया है. इस रिपोर्ट ने जलवायु परिवर्तन को बढ़ती गर्मी की वजह बताया है और इसी कारण धरती का औसतन तापमान भी निरंतर बढ़ रहा है. इसे लेकर विशेषज्ञों ने चेतावनी भी जारी की है.
सतत 41 दिन अधिक भीषण गर्मी
सारी दुनिया में जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणाम में देखने को मिल रहे हैं. इस दिशा में एक दूसरी रिपोर्ट संकेत भी किया गया है, जिससे पता चला है कि दुनिया को 2024 में जलवायु परिवर्तन के कारण औसतन 41 दिन अधिक भीषण गर्मी सहनी पड़ी है.
Climate Change: यूरोपीय जलवायु एजेंसी कोपरनिकस के सूत्र बताते हैं कि 2024 जो अभी तक का सबसे गर्म साल के रूप में समाप्त हुआ है, वह ऐसा प्रथम वर्ष है जब वैश्विक औसत तापमान पूर्व-औद्योगिक स्तरों से 1.5 डिग्री सेल्सियस ज्यादा होगा.
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वार्षिक समीक्षा रिपोर्ट में बताया
क्लाइमेट सेंट्रल और वर्ल्ड वेदर एट्रिब्यूशन (डब्ल्यूडब्ल्यूए) जलवायु वैज्ञानिकों के दो समूह हैं जिन्होंने अपनी वार्षिक समीक्षा रिपोर्ट में बताया है कि दुनिया में 2024 में औसतन 41 दिन अधिक डरावनी गर्मी पड़ी है जिसका प्रभाव छोटे द्वीपीय विकासशील देशों पर सबसे अधिक पड़ा जहां लोगों को 130 से अधिक अतिरिक्त गर्म दिन झेलने पड़े हैं.
चरम मौसम की घटनाएं
साल 2024 में 219 ऐसी घटनाओं की पहचान की गई जिनको चरम मौसम की घटनाएं कहा गया है और उनमें से 29 का अध्ययन करके वैज्ञानिकों पाया कि जलवायु परिवर्तन के कारण हुई 26 चरम मौसम की घटनाओं में कम से कम साढ़े तीन हज़ार से अधिक लोगों की मृत्यु हुई और लाखों लोगों को विस्थापित होना पड़ा.
रिपोर्ट की चेतावनी
रिपोर्ट में चेताया गया है कि ‘इस साल जलवायु परिवर्तन के कारण तीव्र चरम मौसम से उपजी घटनाओं में मारे गए लोगों की संख्या सैकड़ों हजारों में होने की आशंका है.’