एक बार फिर कोविड-19 का खतरा एशियाई देशों पर मंडराने लगा है। खासकर हांगकांग, सिंगापुर, चीन और थाईलैंड जैसे देशों में संक्रमण के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। विशेषज्ञ इसे संक्रमण की अगली लहर का संकेत मान रहे हैं, जबकि सरकारें अलर्ट मोड में आ गई हैं और नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है।
हांगकांग में 10 हफ्तों में 30 गुना बढ़े केस
हांगकांग में कोविड-19 के मामलों में जबरदस्त उछाल देखा गया है। मार्च की शुरुआत में जहां प्रति सप्ताह केवल 33 केस सामने आ रहे थे, वहीं 10 मई 2025 को समाप्त सप्ताह में यह आंकड़ा बढ़कर 1,042 तक पहुंच गया। इससे पहले 3 मई को खत्म हुए सप्ताह में कुल 972 केस रिपोर्ट हुए थे।
इससे भी बड़ी चिंता की बात है कि हांगकांग में संक्रमण दर यानी पॉजिटिविटी रेट लगातार बढ़ती जा रही है। 1 मार्च को यह दर 0.31% थी, जो 10 मई तक बढ़कर 13.66% हो चुकी है। इसका मतलब है कि टेस्टिंग के दौरान हर 100 में से लगभग 14 लोग कोविड पॉजिटिव पाए जा रहे हैं।
सरकार ने लोगों को मास्क पहनने, बार-बार हाथ धोने और सामाजिक दूरी बनाए रखने जैसे मूल सुरक्षा उपायों को दोबारा अपनाने की अपील की है।
बूस्टर लेने वालों को भी नई डोज की सलाह
हांगकांग सरकार ने हाई रिस्क समूहों को चेतावनी दी है कि वे कोविड वैक्सीन की एक अतिरिक्त डोज जरूर लें, भले ही वे पहले से पूरी तरह टीकाकृत हों। खासकर जिनकी इम्युनिटी कमजोर है या जिन्हें पहले से कोई बीमारी है, उन्हें फिर से वैक्सीनेशन कराने की सलाह दी गई है — बशर्ते पिछली डोज को या संक्रमण को छह महीने से अधिक समय बीत चुका हो।
सिंगापुर में भी 30% केसों की वृद्धि
सिंगापुर भी कोविड संक्रमण की लहर की चपेट में है। यहां 27 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में 11,100 नए केस आए, जो 3 मई के सप्ताह में बढ़कर 14,200 तक पहुंच गए — यानि एक हफ्ते में लगभग 30 प्रतिशत की वृद्धि।
इसके अलावा, अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। पहले जहां प्रतिदिन औसतन 102 मरीज भर्ती हो रहे थे, अब यह संख्या 133 हो गई है।
सरकार का मानना है कि मौजूदा उछाल की वजह लोगों की घटती वैक्सीन इम्युनिटी हो सकती है। साथ ही, देश में इस वक्त जो वेरिएंट फैल रहे हैं — LF.7 और NB.1.8 — वे पहले के JN.1 वेरिएंट की अगली पीढ़ी हैं। इसी पुराने वेरिएंट के आधार पर वर्तमान वैक्सीन तैयार की गई थी, जिससे इनके प्रभाव में कमी आ रही है।

थाईलैंड में छुट्टियों के बाद बढ़े संक्रमण के मामले
थाईलैंड में भी कोविड के मामलों में इजाफा देखा जा रहा है। साल 2025 की शुरुआत से अब तक यहां 71,067 केस और 19 मौतें दर्ज हो चुकी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि छुट्टियों के दौरान लोगों की यात्रा और भीड़भाड़ ने संक्रमण को बढ़ाने में भूमिका निभाई है।
क्या भारत को भी सतर्क होने की जरूरत है?
हालांकि भारत में फिलहाल कोविड के मामलों में कोई बड़ी लहर नहीं देखी जा रही है, लेकिन पड़ोसी देशों में बढ़ते मामलों को देखते हुए सतर्कता बरतना बेहद जरूरी हो गया है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों, बच्चों और बीमार व्यक्तियों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए।
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कोविड-19 भले ही पहले की तरह तबाही न मचा रहा हो, लेकिन यह खतरा पूरी तरह टला नहीं है। हांगकांग, सिंगापुर और थाईलैंड जैसे देशों से आई हालिया रिपोर्टें इस बात की ओर इशारा करती हैं कि वायरस अभी भी मौजूद है और रूप बदलकर वापसी कर सकता है। ऐसे में एशियाई देशों को फिर से सतर्कता, परीक्षण और टीकाकरण पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है।