दिल्ली चुनाव आ रहा है दो माह बाद फरवरी में. चिन्ता केजरीवाल को नहीं है, बीजेपी को है. चाहे जितना जोर लगा लो चाहे जितना शोर मचा लो सबसे आगे होंगे केजरीवाल. केजरी-चाल से पार पाना बीजेपी के बस की बात नहीं लगती.
केजरीवाल उतनी भी अनोखी चाल नहीं चलते कि जिसकी काट नहीं की जा सके किन्तु जैसा राष्ट्रीय स्तर पर मोदी जी को वरदान प्राप्त है वैसा ही क्षेत्रीय स्तर पर केजरीवाल को प्राप्त हैं. दोनो ही आधुनिक युग के राजनीतिक बाली हैं जो रामायण काल में हुआ करते थे. इनके सामने जो भी आ जाता है अपनी आधी शक्ति इनको प्रदान कर नमस्कार करके निकल लेता है. हराना तो छोड़िये, इनके सामने टिकना भी किसी के बस की बात नहीं.
एक योजना जो अगली केजरीवाल चल सकते हैं मोदी को भी फेल कर सकती है यहां दिल्ली में. दिल्ली के बेटे ने एक अनोखी चाल सोची है जो सारी दुनिया में किसी को नहीं मालूम सिवाये पंचायती टाइम्स के हमारे रिपोर्टर के. जो खबर अंदरखाने से हमारा रिपोर्टर निकाल कर लाया है उसके कारण उसे भारत में खबर-श्री पुरस्कार तो मिलना ही चाहिये.
बात ये है कि केजरीवाल की चुनावी चाल के दो हिस्से हैं -पहला हिस्सा यानी पहली चाल वो चल चुके हैं. अब दूसरी चाल चलनी बाकी है क्योॆंकि वे गुकेश की तरह शतरंजी चालों के माहिर खिलाड़ी हैं. अपनी चाल चल कर अब सामने मोदी जी की तरफ देख रहे हैं कि वे क्या चाल चलते हैं. उनको विश्वास है कि मानलो मोदी जी की पार्टी केजरी की चाल ए का तोड़ कोई निकाल भी ले तो भी चाल बी का तोड़ तो सारी दुनिया में कोई नहीं निकाल सकता.
वो ऐसे कि चाल बी केजरीवाल बिलकुल आखिरी दिन चलने वाले हैं. इसके पहले तक सारे मोदी वाले रणनीतिकार सिर जोड़ कर केजरीवाल को हराने के लिये नई नई चालें सोच कर चलेंगे लेकिन शह और मात केजरीवाल ही करेंगे. क्योंकि आखिरी दिन वो चेस के मैदान में अपना ट्रंप कार्ड फेंकेगे जिसको काउन्टर करने का सामने वालों के पास तो वक्त ही नहीं होगा. और दिल्ली का बेटा फिर से बन जायेगा दिल्ली का राजा.
हमारे रिपोर्टर ने जो एक्सक्लूसिव खबर हमें दी है उस पर तो एक बारगी हम भी विश्वास नहीं कर सके. क्योंकि एक तो रात के बारह बजे वो खबर लेके आया ऊपर से फुल्टू टल्ली हो के आया. पता चला कि दिल्ली में एक के साथ एक बोतल योजना लागू हो गई है रात बारह बजे के बाद से. तो हमारा रिपोर्टर भी बहती गंगा में हाथ धो आया.
केजरीवाल की चाल बी के बारे में उसने जो बताया तो सुनने वालों के कान फटे के फटे रह गये. इतनी बड़ी भयंकर योजना केजरीवाल ने तैयार की है जिसकी सारी दुनिया में किसी के पास काट नहीं है. हमने दांतों तले उंगलियां दबाने की कोशिश की पर नाकाम रहे क्योंकि उंगलियां पहले ही दांतो तले दबी हुई थीं.
केजरीवाल ने चाल बी क्या सोची है उसके पहले उनकी चाल ए पर प्रकाश डाल लेते हैं. चाल ए के अनुसार केजरीवाल ने अपना पुराना फार्मूला नई बोतल में डाल कर परोसा है. पुराना फार्मूला अर्थात महिलाओं को पटा लो तो उनके वोट तो पक्के हो ही जायेंगे, साथ में पति और पड़ौसियों के वोट भी चले आयेंगे. एक तीर से तीस शिकार करना और कौन जानता है केजरीवाल के सिवा.
इस बार भी चाल ए में केजरीवाल ने दिल्ली की महिलाओं का दिल खरीद लिया आई मीन जीत लिया. खर्चा ज्यादा नहीं है बस एक हजार का खर्चा और पांच साल पक्के. बात आप सही समझ गये. दिल्ली की महिलाओं को प्रतिमाह एक हजार रुपये देने की घोषणा करके दिल्ली जीत ली सर जी ने. फ्री बिजली फ्री पानी में भी उतना दम नहीं है जितना एक हजार रुपये में है. सौ सौ के दस पत्ते मिलेंगे हर महीने और वो भी पूरे पांच साल तक. किसको बुरे लगते हैं बैठे बैठे हजार रुपये पांच साल तक. केजरीवाल दिल्ली जीत गये हैं.
लेकिन हो सकता है मोदी वाली पार्टी के लोग इससे भी बड़ी कोई चाल चल दें जैसे हर महिला के पति को बैठे बैठे दो हजार देंगे. ऐसा कर सकते हैं बीजेपी वाले. इसके दो फायदे होंगे –पहला पुरुष तो सारे बीस साल से ऊपर वाले ही होते हैं. सब दे देंगे बीजेपी को वोट और दूसरा जब पत्नी को सिर्फ एक ही हजार मिलेगा और पतिदेव को दो हजार तो घर में भी हो जायेगी मार. तुमको काहे दो हजार मिला जी? तुम कौन सा पहाड़ तोड़ते हो जी? इस चक्कर में पत्नियां कुटेंगी पतियों से और फिर मारे गुस्से के नहीं जायेंगी वोट देने. एक हजार में हम कुटें भी एक हजार के घाटे में भी रहें और पिटे-पिटाये बदन से चलकर वोट देने भी जायें – इतने भी अच्छे नहीं हैं हम – ऐसा दिल्ली की महिलायें सोचेंगी.
पर इसी चाल को बेहाल करने के लिये प्लान बी तैयार किया है केजरीवाल ने. इसका नाम है लाड़ला केजरीवाल योजना. एमपी वाले चौहान साहब याद हैं आपको? शिवराज मामा जी ? हां बिलकुल वही.. वो भी ऐसे ही तो जीते थे – लाड़ली बहन योजना बना कर. हर बहन प्रदेश की खुश हो गई और भाई को बना डाला सीएम. उनकी पार्टी को सारे प्रदेश में जिता डाला. ये सब लाड़ली योजना का ही कमाल था. इसलिये लेकर आये हैं अब लाड़ला योजना केजरीवाल जी.
लाड़ला केजरीवाल योजना का वादा चुनाव प्रचार के अंतिम दिन किया जायेगा ताकि उसके बाद सामने वाली पार्टी उसको काउन्टर करने की सोच भी न सके. उनकी तो सांस रुक जायेगी, हो सकती है अपोजीशन वाले सारे नेता पहाड़ (दिल्ली वाले गाजीपुर के कूड़े वाले पहाड़) से कूद कर जान दे दें और केजरी पार्टी निर्विरोध चुनाव जीत जाये.
हमारे रिपोर्टर ने जो लाड़ला केजरीवाल योजना पर प्रकाश डाला तो सुन कर न्यूज के दफ्तर में सबको सांप सूंघ गया. इतनी बड़ी केजरी चाल?
ये योजना हम आपको बाद में बतायेंगे पहले उसका प्रभाव बता डालें. अगर यह महा-योजना लागू हो गई तो गरीबी भुखमरी सब गायब हो जाएगी दिल्ली से. मोदी की गरीब कल्याण योजना फेल हो जाएगी केजरीवाल के सामने. इसके बाद सारी दुनिया केजरीवाल से सीखेगी चुनाव जीतने की कारीगरी. चोरी-चकारी बदमाशी गुंडागर्दी अपराध सब खत्म हो जाएंगे जड़ से दिल्ली में. देश भर की जनता दिल्ली चलो का ऐलान करके दिल्ली की ओर कूच कर देगी. आखिर उसने क्या पाप किया है, वो क्यों वंचित रहे इतनी बड़ी जन-कल्याण योजना से !
अब सुनिये केजरी की चाल बी याने केजरीवाल का प्लान बी. लाड़ला केजरीवाल नामकी इस योजना की गुप्त जानकारी हमारा भेदिया रिपोर्टर सेंध मार कर लाया है और उसके बाद से वह पंचायती टाइम्स का लाड़ला रिपोर्टर हो गया है. दुनिया हिला दूंगा वाले पोपट लाल के जैसा.
एक हजार प्रतिमाह दिल्ली की महिलाओं को देने की घोषणा कर देने वाले केजरीवाल चुनाव प्रचार के अंतिम दिन ये ऐलान करेंगे कि अगर आम आदमी पार्टी को आपने चुनाव जिता दिया तो दिल्ली की हर महिला के खाते में प्रतिमाह दस हजार रुपये आयेंगे. केजरीवाल की दिल्ली सरकार दिल्ली की अपनी हर महिला वोटर को पांच साल घर बैठे दस हजार प्रतिमाह देने का वादा करती है!
तोते उड़ जायेंगे सामने वालों की पार्टी के. अब आप पूछेंगे इतना पैसा केजरीवाल लायेंगे कहां से? तो इसका जवाब है कि ये तो केजरीवाल जानें. फ्री बिजली फ्री पानी का पैसा केजरीवाल कहां से लाये, ये तो किसी ने नहीं पूछा. अब अक्कल के घोड़े दौड़ाने से कोई फायदा नहीं. ये पैसा भी वहीं से आयेगा जहां से पहले आया था.
जरा अक्कल की बकरी हम भी दौड़ा लें. दिल्ली की आबादी है डेढ़ करोड़. आधी आबादी है पचत्तर लाख याने कि पचास लाख तो महिलायें होंगी ही. एक महिला को हर माह मिलेंगे दस हजार तो दस को मिलेंगे एक लाख. तो सौ को मिलेंगे दस लाख. इस तरह हजार को मिलेंगे एक करोड़. दस हजार को दस करोड़ – एक लाख को सौ करोड़ और फिर पचास लाख को ? – पचास सौ करोड़ ! – याने पचास अरब रुपये प्रतिमाह दिल्ली की महिलाओं को दिल्ली का बेटा देगा !!
अब फिर से वही घिसा-पिटा सवाल मत पूछना – इतने पैसे आयेंगे कहां से? बस इतना समझ लो, केजरीवाल है तो मुमकिन है !
दिल्ली वालों के लिये घर बैठे बैठे इतनी कमाई ? दुनिया के नेताओं के दिमाग में अब तक ये बात नहीं आई –इसीलिये तो इतनी सुंदर योजना पहले कभी नहीं आई !
दिल्ली के माताएं अपने बेटे केजरीवाल को इतनी दुआ देंगी कि केजरीवाल की उम्र 100 के पार हो जाएगी और दिल्ली में उनकी सरकार भी 2124 तक पक्की हो जायेगी.