दीयों का त्योहार दीवाली को लेकर देशभर में धूम है। दीवाली और छठ के लिए लोग परिवार के साथ और अपने घरों के लिए रवाना हो रहे हैं। लेकिन इस साल दीवाली को लेकर लोगों के मन में कन्फ्यूजन है। इस साल दीवाली 31 को मनाएं या 1 नवंबर को इसे लेकर लोगों के मन में असमंजस है।
दीयों का त्योहार दीवाली हर साल कार्तिक अमावस्या को मनाया जाता है। लेकिन इस बार दो तारीखों में लोग फंस गए हैं। दरअसल, पंचांग (Panchang) और ग्रेगोरियन कैलेंडर (Gregorian Calendar) में अंतर होने के कारण इस बार तारीख को लेकर भ्रम हो गया है।
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लेकिन बनारस (काशी) के पंडितों और विद्वानों ने बता दिया है कि किस दिन होगी लक्ष्मी पूजा। सनातन धर्म में तिथियों का बड़ा महत्व होता है। उदया तिथि के आधार पर ही तीज त्योहार मनाए जाते हैं।
उदया तिथि के आधार पर ही कुछ लोग 1 नवंबर को दीवाली मनाने की बात कह रहे हैं और कुछ लोग 31 अक्टूबर को। कुछ पंडितों का मानना है कि दिवाली पर लक्ष्मी पूजा हमेशा प्रदोष काल से लेकर मध्य रात्रि के बीच में पड़ने वाली कार्तिक अमावस्या के दौरान मनाया जाता है, इसलिए दिवाली 31 अक्तूबर को ही मनाया जाना चाहिए।
काशी के पंडितों के मुताबिक, लक्ष्मी पूजन के दौरान अमावस्या का होना जरूरी माना गया है। इस साल प्रदोष अमावस्या 31 अक्टूबर को है। ऐसे में दिलावी 31 अक्टूबर को मनाना शास्त्र सम्मत माना जा रहा है।