दिल्ली नगर निगम (MCD) के वार्ड और स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों का बुधवार को चुनाव हुआ. यह चुनाव सिविक सेंटर में कड़े सुरक्षा व्यवस्था के बीच हुआ. 12 वार्ड कमेटियों के चुनाव में हंगामा भी हुआ. इस दौरान आम आदमी पार्टी और बीजेपी ने शक्ति प्रदर्शन भी किया. दिल्ली नगर निगम के 12 जोन में से 7 जोन में बीजेपी तो 5 जोन में आम आदमी पार्टी को बहुमत है.
करोल बाग और सिटी SP जोन में आप ने जीत दर्ज की
दिल्ली MCD की वार्ड कमेटियों और स्टैंडिंग कमेटी का बुधवार को चुनाव हुआ. इस दौरान करोल बाग और सिटी SP जोन में बहुमत होने की वजह से आम आदमी पार्टी के सभी उम्मीदवार निर्विरोध जीत गए. करोल बाग जोन के चेयरमैन पद पर आम आदमी पार्टी के राकेश जोशी, डिप्टी चेयरमैन पद पर पार्टी की ज्योति गौतम और स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य के तौर पर पार्टी के ही अंकुश नारंग ने जीत दर्ज की. वहीं, सिटी एसपी जोन में चेयरमैन पद पर आम आदमी पार्टी के मोहम्मद सादिक जबकि डिप्टी चेयरमैन के पद पर किरण बाला जीती हैं.
https://twitter.com/MCD_Delhi/status/1831222380414243078
केशवपुरम जोन से बीजेपी ने जीत दर्ज की
दिल्ली MCD की वार्ड और स्टैंडिंग कमेटी चुनाव में केशवपुरम जोन से भारतीय जनता पार्टी के सभी उम्मीदवारों ने निर्विरोध जीत दर्ज की है. यहां से अध्यक्ष पद के लिए योगेश वर्मा और उपाध्यक्ष पद के लिए सुशील ने जीत हासिल की है. वहीं स्थायी समिति सदस्य के लिए शिखा भारद्वाज ने जीत दर्ज की।
https://twitter.com/MCD_Delhi/status/1831218531532185692
क्यों अहम था चुनाव
19 महीने की देरी के बाद यह चुनाव हुआ है। इसके तहत एमसीडी की सबसे ताकतवर बॉडी स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों का चुनाव हुआ। स्टैंडिंग कमेटी में 18 सदस्य होते हैं. 12 जोन से 1-1 सदस्य चुना जाता है, जबकि 6 सदस्यों का चुनाव सदन में होता है. स्टैंडिंग कमेटी को मेयर से भी ज्यादा ताकतवर माना जाता है, क्योंकि एमसीडी से जुड़े सारे फैसले यहीं से होते हैं. इसलिए हर पार्टी स्टैंडिंग कमेटी पर कब्जा करना चाहती है. स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन का पद जिसके पास होगा, उसका एमसीडी पर नियंत्रण बढ़ जाएगा.
यह भी पढ़ें: ममता बनर्जी ने रेपिस्टों को फांसी की सजा देने वाला “अपराजिता बिल” किया पास
मेयर शैली ओबेरॉय ने नहीं दी थी अनुमति
एमसीडी मेयर शैली ओबेरॉय ने मंगलवार देर शाम चुनाव कराने के लिए पीठासीन अधिकारियों की नियुक्ति करने से इनकार कर दिया था. शैली का कहना था कि उनकी अंतरात्मा उन्हें ‘अलोकतांत्रिक चुनाव प्रक्रिया’ में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं देती है. इसके बाद उपराज्यपाल ने आदेश दिया कि अब निर्धारित समय पर बुधवार को ही अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और स्थायी समिति के सदस्यों के पदों पर चुनाव होगा.