राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का 155वां जन्मदिवस 2 अक्टूबर 2024, बुधवार को पूरे देश में धूमधाम से मनाया गया। विदेशों में भी गांधी जयंती की रौनक देखने को मिली। गांधी मंडेला फाउंडेशन द्वारा देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 155वें जन्म दिवस के अवसर पर “गांधी जयंती” का आयोजन द यूनाइटेड सर्विस इंस्टीट्यूशन ऑफ इंडिया, नई दिल्ली में किया गया। 2 अक्टूबर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती का प्रतीक है। इस दिन, हम गांधीजी के अहिंसा और सत्य को कायम रखने के संदेश को याद करते हैं।
दिल्ली में आयोजित गांधी जयंती के अवसर पर गणमान्य व्यक्तियों में श्याम जाजू (राष्ट्रीय अध्यक्ष, जीएमएफ), डॉ. सविता सिंह (उपाध्यक्ष, जीएमएफ), सभी वक्ताओं ने गांधी जी के जीवन पर प्रकाश डाला और आज के समय में उनके विचारों की प्रासंगिकता पर चर्चा की।
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इस अवसर पर मेजर जनरल आरएस यादव, (निदेशक सीएस3, यूएसआई), मेजर जनरल बीके शर्मा, (डीजी यूएसआई), गुरशरण सिंह, (पूर्व सचिव, भारतीय पैरालंपिक समिति, सदस्य एशियाई पैरालंपिक समिति) (निदेशक, जीएमएफ) एवं कई देशों के राजदूत एवं उसके प्रतिनिधि उपस्थित रहे। गांधी मंडेला फाउंडेशन के चेयरमैन एडवोकेट नंदन कुमार झा ने सभी अतिथिगणों का स्वागत किया। गांधी मंडेला फाउंडेशन प्रत्येक वर्ष गांधी जयंती का आयोजन करती है।
अहिंसा विश्व भारती और विश्व शांति केंद्र के संस्थापक जैन आचार्य लोकेश मुनि ने गांधी जयंती पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा- ‘आज का दिन अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस मना रहे है। अनेकांत के बारे में बताया। जिसका अर्थ है अपने विचारों के साथ दूसरे के विचारों, धर्मों का आदर करना और अनेकता में एकता हमारे देश की खूबी है। युद्ध के बाद केवल बर्बादी ही आती है । इसलिए पहले ही अहिंसा का रास्ता अपना लेना चाहिए।’
गांधी मंडेला फाउंडेशन के चेयरमैन एडवोकेट नंदन कुमार झा सभी का स्वागत करते हुए कहा कि, ‘दुनिया से सबसे बड़े संस्थानों में गांधी मंडेला फाउंडेशन (जीएमएफ) शामिल है। शांति को बढ़ावा देने के लिए प्रतिदिन योग शाखा लगाया जाता है। वॉर से कभी किसी का भला नहीं हुआ है। उन्होंने गांधी द्वारा लिखी किताब सर्वोदय सबको पढ़ने के लिए प्रेरित किया।
डॉ. सविता सिंह (उपाध्यक्ष, जीएमएफ) जी ने महात्मा गांधी के जीवन की एक-एक बात..एक-एक घटना बता कर जीवंत कर दिया। उन्होंने गांधी जी के सत्याग्रह पर प्रकाश डालते हुए आज की युवा पीढ़ी से आग्रह किया कि हर समाज..हर घर से एक गांधी होना चाहिए। तभी हम गांधी जी के विचारों को आगे बढ़ा पाएंगे।
जीएमएफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष, श्याम जाजू जी ने कहा, गांधी जी की पूरे विश्व में प्रतीमा लगी है। जिस तरह जमीन से उठ कर आजादी के आंदोलन का नेतृत्व किया आज के समय में उतना ही प्रासंगिक है। उसे आगे बढ़ाने का काम युवाओं के बीच में ले जाने का काम, हमें इस संस्था के माध्यम से करना है।
कथक धरोहर के संस्थापक और प्रसिद्ध नृत्यक सदानंद बिस्वास ने इस मौके पर शानदार प्रस्तुति देकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।
गांधी मंडेला फाउंडेशन के बारे में जानें..
गांधी मंडेला फाउंडेशन एक भारत सरकार द्वारा पंजीकृत ट्रस्ट जो दुनिया भर में महात्मा गांधी और नेल्सन मंडेला के विचार जैसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता, नागरिक स्वतंत्रता, सत्य, अहिंशा और मानवाधिकारों को बढ़ावा देता है। जीएमएफ दुनिया भर में शांति, अहिंसा, संस्कृति और सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देने वाले नेताओं को सम्मानित करने के लिए दुनिया का प्रतिष्ठित गांधी मंडेला पुरस्कार प्रदान करता है।
वैश्विक शांति को बढ़ावा देने के लिए पहला गांधी मंडेला पुरस्कार आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा को प्रदान किया गया था। जूरी का नेतृत्व भारत, नेपाल और बांग्लादेश के पूर्व मुख्य न्यायाधीशों के साथ माननीय न्यायमूर्ति के.जी. बालाकृष्णन (भारत के 37वें मुख्य न्यायाधीश और पूर्व अध्यक्ष, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, भारत) की अध्यक्षता में किया जाता है।