आजकल अधिकांश लोग अपने काम को आसान बनाने के लिए ब्राउजर में एक्सटेंशन इंस्टॉल करते हैं। ये एक्सटेंशन्स कई बार समय बचाती हैं और यूजर्स के लिए सहायक साबित होती हैं, लेकिन कभी-कभी ये खतरे का कारण भी बन सकती हैं। हाल ही में Google ने Chrome यूजर्स को एक चेतावनी जारी करते हुए 16 खतरनाक एक्सटेंशन्स की सूची प्रकाशित की है, जिन्हें तुरंत हटाने की सलाह दी गई है।
क्या है इन एक्सटेंशन्स से खतरा?
Google ने बताया कि ये एक्सटेंशन्स, जो स्क्रीन कैप्चर, एड ब्लॉकिंग और इमोजी कीबोर्ड जैसे टूल्स प्रदान करती हैं, ब्राउजर में खतरनाक स्क्रिप्ट इंजेक्ट कर सकती हैं। इससे न केवल यूजर्स का डेटा चोरी हो सकता है, बल्कि सर्च इंजन फ्रॉड का भी खतरा उत्पन्न हो सकता है। GitLab थ्रेट इंटेलिजेंस की रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर में 32 लाख लोग इन एक्सटेंशन्स का इस्तेमाल कर रहे थे और इन्हें हैकर्स ने हाईजैक कर लिया है। हैकर्स इनकी मदद से यूजर्स का निजी डेटा चुरा सकते हैं और अन्य साइबर धोखाधड़ी कर सकते हैं।

इन एक्सटेंशन्स को तुरंत हटा दें
प्रभावित एक्सटेंशन्स की सूची Google ने जारी की है, जिनमें Blipshot, Emojis (emoji keyboard), कलर चेंजर फॉर यूट्यूब, वीडियो इफेक्ट्स फॉर यूट्यूब एंड ऑडियो इनहैंसर, थीम्स फॉर क्रॉम एंड यूट्यूब, पिक्चर इन पिक्चर, Mike Adblock für Chrome, सुपर डार्क मोड, Emoji Keyboard Emojis for Chrome, Adblocker for Chrome (NoAds), Adblock for You, Adblock for Chrome, निंबल कैप्चर, KProxy, पेज रिफ्रेश, Wistia Video Downloader और WAToolkit जैसी एक्सटेंशन्स शामिल हैं।
Google की सलाह
Google ने यूजर्स को सलाह दी है कि जो लोग इन एक्सटेंशन्स का उपयोग कर रहे हैं, उन्हें तुरंत अपने ब्राउजर से इन्हें डिलीट कर देना चाहिए। इसके अलावा, यूजर्स को अपने सिस्टम को एंटीवायरस सॉफ्टवेयर से स्कैन करने की भी सलाह दी गई है ताकि किसी भी संभावित खतरे से बचा जा सके। इन एक्सटेंशन्स को अब क्रोम वेब स्टोर से हटा लिया गया है, लेकिन उपयोगकर्ताओं को इन्हें मैन्युअली डिलीट करना होगा।
यह भी पढ़ें: इस कंपनी ने निकाला 40 लाख की जॉब, Resume की जरूरत नहीं
यह चेतावनी एक महत्वपूर्ण संकेत है कि इंटरनेट पर किसी भी प्रकार के एक्सटेंशन को इंस्टॉल करने से पहले उसकी विश्वसनीयता की जांच करना आवश्यक है। खासकर जब यह एक्सटेंशन्स यूजर्स के व्यक्तिगत डेटा से संबंधित हो सकती हैं। गूगल की इस पहल से साफ हो गया है कि साइबर सुरक्षा के मामले में सतर्कता और सावधानी की आवश्यकता है।