Justice Bhushan Ramakrishna Gavai: जस्टिस बी.आर. गवई ने बुधवार को भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ ली। इसके साथ ही वे देश की न्यायपालिका का नेतृत्व करने वाले पहले बौद्ध मुख्य न्यायाधीश बन गए हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में उन्हें पद की शपथ दिलाई। जस्टिस गवई ने शपथ लेने के बाद अपनी मां के पैर छूकर आशीर्वाद लिया।
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीशों और वर्तमान न्यायाधीशों की उपस्थिति रही।
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6 महीने का ही कार्यकाल क्यों?
जस्टिस बी.आर. गवई (Bhushan Ramkrishna Gavai) का कार्यकाल केवल 6 महीने का इसलिए है क्योंकि भारत के संविधान और सुप्रीम कोर्ट के नियमों के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India) का कार्यकाल उनकी सेवानिवृत्ति की आयु तक ही होता है, जो कि 65 वर्ष निर्धारित है।
क्यों केवल 6 महीने?
- जस्टिस गवई का जन्म 24 नवंबर 1960 को हुआ था।
- इस हिसाब से वे 24 नवंबर 2025 को 65 वर्ष के हो जाएंगे और उन्हें अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त होना होगा।
उन्होंने 14 मई 2025 को मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली, और उनकी सेवानिवृत्ति 24 नवंबर 2025 को होगी, यानी उनका कार्यकाल लगभग 6 महीने का होगा।
यह सामान्य बात क्यों है?
भारत में CJI का चयन वरिष्ठता के आधार पर होता है। जो न्यायाधीश सर्वोच्च न्यायालय में सबसे वरिष्ठ होता है, उसे आमतौर पर मुख्य न्यायाधीश बनाया जाता है। भले ही उसका कार्यकाल कुछ ही महीनों का क्यों न हो। यह परंपरा न्यायपालिका में निष्पक्षता और योग्यता के सिद्धांत को बनाए रखने के लिए अपनाई जाती है।