संगम नगरी प्रयागराज महाकुंभ के लिए पूरी तरह से तैयार है। प्रयागराज में महाकुंभ 2025 की तैयारियां जोरों-शोरोंसे चल रही हैं। करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज आएंगे जिसके लिए सुरक्षा और प्रबंधन का इंतजाम किया जा रहा है। इसी कड़ी में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आयोजन के सुचारू संचालन के लिए सभी जरूरी निर्देश जारी कर दिए हैं। जिससे, देश और विदेशों से आने वाले श्रद्धालुओं को कोई असुविधा ना हो।
महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सुविधा, सुरक्षा और अच्छे प्रबंधन के लिए इस बार ई-पास प्रणाली की खास व्यवस्था की गई है। जिसमें छह अलग-अलग रंगों के पास जारी किए जाएंगे, जो अलग-अलग कैटेगरी को दर्शाएंगे।
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कौन से हैं वो छह रंगों वाले ई-पास?
सफेद रंग का ई-पास: हाई कोर्ट, वीआईपी, विदेशी राजदूत, विदेशी नागरिक और अप्रवासीय भारतीयों के साथ केंद्र, राज्य के विभाग के लिए।
केसरिया रंग का ई-पास: अखाड़ों और संस्थाओं के लिए
पीले रंग का ई-पास: वेंडर, फूड कोर्ट और मिल्क बूथ औरकार्यदायी संस्थाओं के लिए
आसमानी रंग का ई-पास: मीडिया के लिए
लाल रंग का ई-पास: आपातकालीन और आवश्यक सेवाओं के लिए
प्रमुख आकर्षण
साधु-संतों का जमावड़ा: अर्धनग्न नागा साधु, उदासीन अखाड़े, और वैष्णव संप्रदाय के साधु महाकुंभ की शोभा बढ़ाते हैं।
कलश यात्रा और धार्मिक अनुष्ठान: कुंभ के दौरान विभिन्न अखाड़ों द्वारा भव्य शोभायात्राएं निकाली जाती हैं।
संगम में स्नान: पवित्र संगम पर डुबकी लगाना श्रद्धालुओं के लिए सबसे बड़ा धार्मिक अनुष्ठान है।
प्रशासनिक तैयारियां
श्रद्धालुओं की सुविधा
- लाखों श्रद्धालुओं के लिए अस्थायी टेंट सिटी बनाई जाएगी।
- स्वच्छता, पेयजल और चिकित्सा सेवाओं का खास ध्यान रखा जाएगा।
- श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विशेष ई-पास की व्यवस्था की जाएगी।
- यातायात मार्गों पर सुरक्षा बलों और डिजिटल साइनबोर्ड की व्यवस्था होगी।
धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
महाकुंभ न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। यह भारतीय विरासत, आध्यात्मिकता, और मानवीय एकता का प्रतीक है।