प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को महाराष्ट्र का दौरा किया। महाराष्ट्र के पालघर में उन्होंने एक कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम के बारे में बात करने से पहले मैं अपने दिल की भावनाएं व्यक्त करना चाहता हूं। जब 2013 में भाजपा ने मुझे प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया, तो सबसे पहले मैंने रायगढ़ किले में जाकर छत्रपति शिवाजी महाराज की समाधि के सामने बैठकर प्रार्थना की और उनका आशीर्वाद लिया। पिछले दिनों सिंधुदुर्ग में जो कुछ भी हुआ, मेरे और मेरे सभी साथियों के लिए छत्रपति शिवाजी महाराज सिर्फ एक नाम नहीं हैं, हमारे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे आराध्य देवता हैं। मैं आज अपने आराध्य देव की चरणों में मस्तक रखकर माफी मांगता हूं।
#WATCH पालघर, महाराष्ट्र: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "आज इस कार्यक्रम के बारे में बात करने से पहले मैं अपने दिल की भावनाएं व्यक्त करना चाहता हूं। जब 2013 में भाजपा ने मुझे प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया, तो सबसे पहले मैंने रायगढ़ किले में जाकर छत्रपति शिवाजी… pic.twitter.com/RYJMHF601K
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 30, 2024
पीएम ने क्यों माफी मांगी?
पिछले दिनों महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा गिर गया। जिसका अनावरण पीएम मोदी ने पिछले साल 4 दिसंबर, 2023 को नौसेना दिवस पर किया गया था। इस प्रतिमा का निर्माण राज्य सरकार ने भारतीय नेवी के साथ मिलकर किया था। प्रतिमा गिरने के बाद विपक्ष बीजेपी सरकार पर हमलावर हो गई। शुक्रवार को ही संजय राउत ने रविवार से “सरकार को जूते मारो आंदोलन” चलाने का ऐलान किया। सीएम एकनाथ शिंदे ने भी गुरुवार को माफी मांगी थी।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए कहा कि महाराष्ट्र का विकास मेरी बहुत बड़ी प्राथमिकता है। आज भारत की प्रगति में महाराष्ट्र बहुत बड़ी भूमिका निभा रहा है लेकिन यह दुर्भाग्य है कि महाराष्ट्र विरोधी दलों ने आपके विकास पर हमेशा ब्रेक लगाने की कोशिश की। हमारे देश को वर्षों से दुनिया के साथ व्यापार के लिए एक बड़े और आधुनिक पोर्ट की जरूरत थी, इसके लिए महाराष्ट्र का पालघर ही सबसे उपयुक्त जगह है, लेकिन इस प्रोजेक्ट को 60 वर्षों तक लटका कर रखा गया। इतने जरूरी काम को कुछ लोग शुरू नहीं होने दे रहे थे।
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विकास कार्यों का किया उल्लेख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकास कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि पिछले 1 दशक में भारत के समुद्री तट पर विकास ने अभूतपूर्व गति पकड़ी है, हमने बंदरगाहों का आधुनिकीकरण किया है, जलमार्गों का विकास किया है। इस दिशा में लाखों-करोड़ों रुपये का निवेश किया गया है। निजी निवेश भी बढ़ा है। इसका लाभ हमारे युवाओं को मिल रहा है, उन्हें नए अवसर मिल रहे हैं। आज पूरी दुनिया की नजर वाढवण पोर्ट पर है। इससे इस पूरे क्षेत्र की आर्थिक तस्वीर बदल जाएगी।”